वाराणसी नगर निगम : 79 गांवों में पहले करेंगे विकास, फिर लेंगे गृहकर
नगर निगम अधिनियम तो कहता है कि निगम की सीमा में शामिल करने के बाद अगले वित्तीय वर्ष से ही निगम हर घर से समस्त टैक्स वसूलेगा। इसमें हाउस वाटर और सीवर से संबंधित टैक्स शामिल होंगे। प्रस्ताव बना है उसमें पहले 79 गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम अधिनियम तो कहता है कि निगम की सीमा में शामिल करने के बाद अगले वित्तीय वर्ष से ही निगम हर घर से समस्त टैक्स वसूलेगा। इसमें हाउस, वाटर और सीवर से संबंधित टैक्स शामिल होंगे। जो प्रस्ताव बना है उसमें पहले 79 गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा, इसके बाद गृहकर वसूले जाने की बातें हैं।
मूलभूत सुविधाओं में प्राथमिकता पर सड़क, पेयजल, सीवर सिस्टम, नाला, नाली के साथ की कचरा प्रबंधन होंगे। जानकार बताते हैं कि 79 गांवों को निगम सीमा में शामिल करने की सूरत में सिर्फ सफाई कर्मियों की ही नहीं बल्कि आलोक व निर्माण विभाग के अभियंताओं के पद भी सृजित करने होंगे। नगर निगम सदन की प्रोसिडिंग के मुताबिक निगम सदन ने 79 गांवों को निगम सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव पारित तो किया है, साथ ही यह भी पास किया है कि संबंधित गांवों के विकास होने तक किसी से भी कोई टैक्स नहीं लिया जाए। इसकी समय-सीमा 10 साल निर्धारित की गई है। हालांकि पार्षदों ने 20 साल तक टैक्स न लेने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उसे घटा कर 10 साल करने पर सहमति बनी थी।
क्या है सीमा-विस्तार का प्रस्ताव
-79 गांव शामिल होंगे, आबादी होगी लगभग साढ़े तीन लाख
-शहर का दायरा 90 किलो मीटर और बढ़ जाएगा
-वार्डों की संख्या नगर निगम अधिनियम के तहत 90 से बढ़ कर 110 हो जाएगी
-शहर की सीमा अब नुआंव, चुरामनपुर, सरसवां, हाशिमपुर तक बढ़ेगी