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सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में तब्दील होगा वाराणसी का मंडलीय हास्पिटल, हेरिटेज लुक भी बरकरार नजर आएगा

वाराणसी कबीरचौरा स्थित अंग्रेजों के जमाने का मंडलीय अस्पताल अब सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में तब्दील होगा। इसमें कार्डियो नेफ्रो न्यूरो गैस्ट्रो समेत समस्त विशेषज्ञता के चिकित्सक व सर्जन मिलेंगे। इस तरह के इलाज की जरूरत के लिहाज से नई ओपीडी अत्याधुनिक आइसीयू व ओटी भी बनाई जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 07:30 AM (IST)
सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में तब्दील होगा वाराणसी का मंडलीय हास्पिटल, हेरिटेज लुक भी बरकरार नजर आएगा
वाराणसी, कबीरचौरा स्थित अंग्रेजों के जमाने का मंडलीय अस्पताल अब सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में तब्दील होगा।

वाराणसी [प्रमोद यादव]। कबीरचौरा स्थित अंग्रेजों के जमाने का मंडलीय अस्पताल अब सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में तब्दील होगा। इसमें कार्डियो, नेफ्रो, न्यूरो, गैस्ट्रो समेत समस्त विशेषज्ञता के चिकित्सक व सर्जन मिलेंगे। इस तरह के इलाज की जरूरत के लिहाज से नई ओपीडी, अत्याधुनिक आइसीयू व ओटी भी बनाई जाएगी। इसके लिए परिसर में डेढ़ सौ साल पुराने भवन के स्थान पर बहुमंजिला भवन बनाया जाएगा। यह बीएचयू के शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक की तरह होगा। खास यह कि इसमें सामने से अस्पताल का हेरिटेज लुक भी बरकरार नजर आएगा।

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सोनभद्र से लेकर सोनौली तक से आने वाले मरीजों को यह सौगात देने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग प्रस्ताव बना रहा है। इसमें ड्राइंग-डिजाइन बनाने के लिए आर्किटेक्ट की टीम लगाई गई है जो सीपीडब्ल्यूडी की सलाह लेते हुए प्राथमिक खाका खींच रही है। इसे आकलन के साथ शासन को भेजा जाए ताकि इसका राज्य बजट में या फिर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रविधान कराया जा सके।

दरअसल, मंडलीय अस्पताल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। उसकी ओपीडी व वार्ड की छत जहां-तहां से चप्पड़ छोड़ती रहती है। इससे डाक्टर-स्टाफ के साथ ही मरीजों की भी जान भी खतरे में रहती है। इसका जिक्र करते हुए नए भवन के लिए बजट की मांग की जाएगी और आवासीय क्षेत्र को छोड़ समस्त भवनों को ध्वस्त कर दिया जाएगा।

खास यह भी कि अभी प्रदेश सरकार के अधीन लखनऊ के बलरामपुर व सिविल अस्पताल में ही सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। मंडलीय हास्पिटल में भी कुछ वैसी ही व्यवस्था की जाएगी। इस निमित्त शासन से डाक्टरों व स्टाफ के पद मांगे जाएंगे। इससे मंडलीय अस्पताल बीएचयू का विकल्प बन जाएगा।

एनएबीएच सर्टिफाइड हास्पिटल

मंडलीय अस्पताल सुविधा व संसाधन के स्तर पर समृद्धि के कारण एनएबीएच सर्टिफाइड है। इसकी स्थापना 1872 में किंग जार्ज अष्टम अस्पताल के रूप में की गई थी। वर्ष 1952 में तत्कालीन मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने इसे शिवप्रसाद गुप्त अस्पताल नाम दिया।

अस्पताल एक नजर में

डाक्टर - 50

बेड - 286

आपात चिकित्सा बेड - 30

बेड आक्युुपेंसी - 60 फीसद (कोरोना के कारण गिरावट)

औसतन ओपीडी - 1500

नए मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग के लिए शासन को प्रस्ताव भेज रहे हैं

मंडलीय अस्पताल का भवन पूरी तरह जर्जर हो गया है। नए मल्टी स्टोरीज बिल्डिंग के लिए शासन को प्रस्ताव भेज रहे हैैं। साथ ही इसमें सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं दी जाएंगी। हेरिटेज लुक बरकरार रखा जाएगा।

- कौशलराज शर्मा, जिलाधिकारी। 


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