वाराणसी जल निगम : शहर के कोने-कोने तक मिलेगी सीवर लाइन सुविधा, नए प्रोजेक्ट को शासन से मिल गई स्वीकृति
वाराणसी नगर के वे इलाके भी सीवर लाइन से आच्छादित हो जाएंगे जहां अब तक यह सुविधा नहीं मिल सकी है। जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से भेजे गए नए प्रोजेक्ट को शासन से हरी झंडी मिल गई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : नगर के वे इलाके भी सीवर लाइन से आच्छादित हो जाएंगे जहां अब तक यह सुविधा नहीं मिल सकी है। जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से भेजे गए नए प्रोजेक्ट को शासन से हरी झंडी मिल गई है। करीब सवा छह सौ किमी लंबी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इससे शहर के कोने- कोने तक सीवेज प्रबंधन की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
शिवपुर, सारनाथ समेत नगर के कई इलाके ऐसे हैं जहां अब तक सीवर लाइन की सुविधा नहीं मिली है। इसके लिए स्थानीय लोगों की मांग लंबे समय से हो रही है। पूर्व में बनी दो सीवर लाइन का बड़े प्रोजेक्ट में ये इलाके छूट गए थे। इसके बाद जल निगम ने नया प्रोजेक्ट तैयार किया है। करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। मानसून से पहले कार्य प्रारंभ हो जाएगा। जल निगम के परियोजना प्रबंधक एसके रंजन बताते हैं कि नगरीय क्षेत्र को सीवेज प्रबंधन की सुविधा से परिपूर्ण करने के लिए नया प्रोजेक्ट बना है। साथ ही शहरी हुए गांवों के लिए भी अलग से प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है।
जल निकासी में जुड़ा शौचालय
जिन इलाकों में सीवर लाइन की सुविधा नहीं है वहां पर नगर निगम की ओर से प्रदत्त जल निकासी की सुविधा से घरों के शौचालय जुड़े हैं। इससे वरुणा व असि नदी के जरिए गंगा प्रदूषित हो रही हैं। इसे देखते हुए नमामि गंगे व अमृत-2.0 से वित्तीय जरूरतों को पूरा कर नई सीवर लाइन बनाई जा रही है।
सीवर लाइन जाम, सड़क पर बह रहा मलजल
लंका नरियां मुख्य मार्ग पर काफी दिनों से सड़क किनारे बनी सीवर लाइन जाम है। इससे सड़क पर मलजल बह रहा है। राहगीरों, मरीजों व उनके परिवारीजनों को काफी दिक्कत हो रही है। लंका नरिया मार्ग स्थित एक निजी विद्यालय के पास सीवर लाइन जाम होने की शिकायत स्थानीय लोगों ने जलकल विभाग के अधिकारियों से कई बार की है। इसके बाद भी सफाई नहीं हुई। नरिया वार्ड के पार्षद कमल पटेल ने बताया कि नाला और चैंबर चोक होने के कारण गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। सीवर की सफाई कराने के लिए जलकल के जेई से शिकायत हुई है।