Varanasi Gyanvapi Mosque Survey Report : एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की दस प्रमुख बातें
14 से 16 मई तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट में किया है। उन्होंने गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में 13 पृष्ठों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके साथ परिसर के तीन नए मानचित्र और दो पुराने मानचित्र कोर्ट में सौंपे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी मस्जिद के तीनों गुंबदों के नीचे शिखरनुमा आकृति पाई गई है। मस्जिद के बाहर से दिखने वाले गुंबद इन शिखरों के ऊपर बनाए गए हैं। इस तथ्य का उल्लेख स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने 14 से 16 मई तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट में किया है। उन्होंने गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में 13 पृष्ठों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके साथ परिसर के तीन नए मानचित्र और दो पुराने मानचित्र कोर्ट में सौंपे। साक्ष्य से जुड़े फोटोग्राफ व वीडियो अदालत में जमा कराए गए। रिपोर्ट में जगह-जगह हिंदू धर्म-संस्कृति से जुड़े चिह्न मिलने का उल्लेख है। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान वादी के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन व सुधीर त्रिपाठी ने प्रोफेसर अल्तेकर की किताब हिस्ट्री आफ बनारस और जेम्स प्रिंसेप की किताब व्यू आफ बनारस का जिक्र किया। उसमें छपे पुराने आदि विश्वशेश्वर मंदिर के ग्राउंड प्लान से पूरी तरह मिलता हुआ नक्शा जो दोनों किताबों में दर्शाया गया है की फोटो कापी दी गई। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की दस प्रमुख बातों को समझना चाहिए।
1. एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की मस्जिद परिसर के बाहरी हिस्सों, तहखाने, नमाज स्थल, गुंबद, दीवारों वजूखाना का प्रमुख रूप से किया गया सर्वे।
2. दो चरण में पांच दिन हुई एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही।
3. तीन एडवोकेट कमिश्नर व पक्षकारों समेत 52 सदस्यों की टीम ने किया सर्वे।
4. 1000 फोटोग्राफ्स व 13 घंटे की वीडियोग्राफी से तैयार हुई रिपोर्ट।
5. रिपोर्ट के साथ तीन सील बंद बक्सों में चिप में फोटो व वीडियो दिया गया अदालत में।
6. रिपोर्ट के साथ तीन मानचित्र भी दिए गए हैं। इसमें ज्ञानवापी परिसर के हर क्षेत्र का नापजोख है।
7. परिसर से जुड़े दो पुराने मानचित्र भी रिपोर्ट के साथ दिए गए हैं।
8. रिपोर्ट में कई जगहों पर नवनिर्माण का भी जिक्र है।
9. सर्वे के दौरान जगह-जगह मिली आकृतियों पर दोनों पक्षों के दावों को भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
10. कुछ जगहों पर जहां स्थित स्पष्ट नहीं हो पायी है उसमें विशेषज्ञों से जांच कराने का सुझाव भी रिपोर्ट में है।