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Varanasi Gyanvapi Case : जिला कोर्ट में आज तय होगा किस अपील पर पहले होगी सुनवाई

Gyanvapi Shringar Gauri Case किस अपील पर पहले सुनवाई होगी इसके निर्धारण के लिए जिला जज ने 24 मई यानी मंगलवार की तिथि तय की है। मंदिर पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की रिपोर्ट की नकल की मांग की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 05:10 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 05:10 AM (IST)
Varanasi Gyanvapi Case : जिला कोर्ट में आज तय होगा किस अपील पर पहले होगी सुनवाई
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण की जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई होगी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण की जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पहली सुनवाई सोमवार को हुई। मुकदमे की किस अपील पर पहले सुनवाई हो इसके लिए वादी यानी मंदिर व प्रतिवादी यानी मस्जिद पक्ष की ओर से जोरदार दलीलें दी गईं। किस अपील पर पहले सुनवाई होगी, इसके निर्धारण के लिए जिला जज ने 24 मई यानी मंगलवार की तिथि तय की है। मंदिर पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की रिपोर्ट की नकल की मांग की।

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अदालत की कार्यवाही तय समय दोपहर दो बजे शुरू हुई। इस दौरान वादी, प्रतिवादी पक्ष के साथ प्रशासन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता मौजूद रहे। प्रतिवादी पक्ष के वकील अभयनाथ यादव और मुमताज अहमद ने अदालत से गुहार लगाई कि सबसे पहले मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई की जाए। अपनी दलील में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि प्राथमिकता के आधार पर मुकदमे की पोषणीयता पर पहले सुनवाई की जाए। इस पर वादी पक्ष के वकील विष्णु जैन व सुधीर त्रिपाठी ने आपत्ति करते हुए कमीशन रिपोर्ट पर पहले सुनवाई की अपील की। कहा कि तहखाने की दीवार हटा कर शेष स्थानों का सर्वे कराने के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र का अभी तक निस्तारण नहीं हुआ है। कमीशन रिपोर्ट पर आपत्ति के लिए 23 मई की तिथि तय है, इसलिए इसकी नकल उपलब्ध कराते हुए पहले इस पर ही सुनवाई की जाए। वादी पक्ष का यह भी कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई पहले करने का निर्देश नहीं, बल्कि सुझाव दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत की। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जिला जज ने मुकदमे की पत्रावली का अवलोकन करने के बाद सुनवाई की अगली तिथि 24 मई तय की।

वादी पक्ष ने मांगी कमीशन रिपोर्ट की नकल

अदालत में वादी पक्ष की ओर से कहा गया कि कमीशन की कार्यवाही के समय लिए गए फोटो व वीडियो न्यायालय में सील पैक हैं। कमीशन रिपोर्ट के साथ ही वीडियो व फोटो का अवलोकन किए बगैर आपत्ति करना और न करना दोनों ही न्याय संगत नहीं होगा। इसलिए वादीगण को कमीशन रिपोर्ट के साथ दाखिल वीडियो और फोटो की नकल देने का आदेश दिया जाए।

मांगा विश्वेश्वरनाथ की पूजा का अधिकार :

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी ने भी जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। उनका कहना है कि मस्जिद के तहखाने में बाबा विश्वेश्वरनाथ का शिवङ्क्षलग है। इनके पूजा-अर्चना अराधना व स्नान, मंत्रोच्चारण, साफ-सफाई व भोग आदि का अधिकार उन्हें दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने मुकदमे में पक्षकार बनाने की मांग की है।


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