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Varanasi Gyanvapi Case : हमें न्यायालय से इंसाफ की उम्मीद, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की हुई बैठक

रविवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की बैठक हुई। इसमें ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर चर्चा की गई। सभी ने न्यायालय पर भरोसा जताने का निर्णय लिया। अब्दुल बातिन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद व उससे संबद्ध परिसर सुन्नी वफ्फ की संपत्ति है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 10:16 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 10:27 PM (IST)
Varanasi Gyanvapi Case : हमें न्यायालय से इंसाफ की उम्मीद, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की हुई बैठक
रविवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की बैठक में ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर चर्चा की गई।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : बुनकर कालोनी स्थित मस्जिद बागेनूर में रविवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की बैठक हुई। इसमें ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर चर्चा की गई। सभी ने न्यायालय पर भरोसा जताने का निर्णय लिया। मुख्य वक्ता अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि बीते दिनों जो घटना क्रम हुआ है उसमें सबसे जरूरी है कि शहर में शांति व्यवस्था कायम रखी जाए। उन्होंने न्यायालय के फैसले पर भरोसा जताने लिए कहा।

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अब्दुल बातिन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद व उससे संबद्ध परिसर सुन्नी वफ्फ की संपत्ति है। इसे वर्ष 1937 में न्यायालय ने स्वीकार किया है जिसमें मुसलमान सदियों से नमाज अदा करते आए हैं। इसकी प्रमाणिकता के साक्ष्य मौजूद हैं जिनको न्यायालय में समय-समय पर पेश किया गया है। कहा कि संपूर्ण मामला न्यायालयों में विचाराधीन है, इसलिए नगरवासियों संयम बनाए रखने की जरूर है। अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। शांति व्यवस्था बनाए रखने में सभी सहयोग करें।

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने वाराणसी जिला न्यायालय, इलाहाबाद हाइकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में हो रही कानूनी कार्यवाही का विस्तार से ब्योरा पेश किया। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के वकीलों में मुमताज अहमद, एखलाक अहमद, तौहीर अहमद ने न्यायिक बिंदुओं पर प्रकाश डाला। हाजी एखलाक अहमद, मौलाना अब्दुला नासिर कासमी, मुफ्ती नियाज अहमद, मौलाना जियाउर्रहमान, मौलाना जफरुल हुसैनी, पूर्व विधायक हाजी अब्दुल समद अंसारी, सरदार इकरामुद्दीन, सरदार जियाउल हसन, सरदार अतीकउल्लाह, हाजी हसीन अहमद, हाजी शोएब अहमद, हाजी जलीस अहमद, हाजी इश्तियाक अहमद, हाजी आफताब आलम, अब्दुला अंसारी आदि थे। संचालन इशरत उस्मानी ने किया।

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने की आपत्ति

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी की ओर से आपत्ति है कि जिस संचरना को वादी शिवलिंग कहते हैं उसे तय करने का अधिकार एडवोकेट कमिश्नर को है ना ही वादी पक्ष को है। वादी पक्ष की ओर से जिस दीवार को तोड़ने की बात कही गई है यदि उसे तोड़ा गया तो पूरी मस्जिद ध्वस्त हो जाएगी। वहीं जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल किया है कि मस्जिद में स्थित हौज में मौजूद मछलियां मस्जिद के ओहदेदारान द्वारा पाली गई हैं जो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की संपत्ति हैं।


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