Varanasi Gyanvapi case : ज्ञानवापी मामले में मुकदमे की पोषणीयता की 26 मई से होगी सुनवाई
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई 26 मई से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होगी। वादी और प्रतिवादी पक्ष की ओर से तैयारी चल रही है। दोनों ओर से दिए जाने वाले साक्ष्य और दलीलों से मुकदमे का अस्तित्व तय हो पाएगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : gyanvapi mosque news ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई 26 मई से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होगी। वादी और प्रतिवादी पक्ष की ओर से इसकी जोरदार तैयारी चल रही है। दोनों ओर से दिए जाने वाले साक्ष्य और दलीलों से मुकदमे का अस्तित्व तय हो पाएगा। प्रतिवादी पक्ष यह साबित करने सफल रहा कि मुकदमा पोषणीय नहीं है तो अभी तक हुई सारी कार्यवाही यहीं रुक जाएगी। वहीं वादी पक्ष अदालत को यह बताने में सफल रहा कि मुकदमा सुनने योग्य है तो सुनवाई आगे बढ़ेगी। मुकदमे की सुनवाई के बाद निचली अदालत का जो फैसला होगा उस पर दोनों पक्षों के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खुला है।
जिला जज की अदालत में मुकदमे की पोषणीयता पर होने वाली सुनवाई में अपनी बात रखने का मौका सबसे पहले प्रतिवादी पक्ष को मिलेगा। इनकी ही मांग थी कि सबसे पहले अदालत यह तय करें कि मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश था। प्रतिवादी पक्ष जब अपनी दलील पूरी कर लेगा तो वादी पक्ष को मौका मिलेगा। इसे लेकर दोनों पक्षों ने जोरदार तैयारी की है। प्रतिवादी पक्ष के वकील अभयनाथ यादव का कहना है कि हमने अपनी तरफ से पूरी तैयारी की है।
हमारे पास अदालत के सामने रखने के तमाम साक्ष्य व नजीर हैं। इससे मैं साबित कर दूंगा मुकदमा पोषणीय नहीं है। इस पर तो पहले ही सुनवाई होनी चाहिए थी। तब मुकदमा आगे बढ़ता ही नहीं। वहीं वादी पक्ष ने अपनी तैयारी की है। वादी पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी का कहना है कि यह मुकदमा अब तक इतना आगे बढ़ गया है कि पोषणीयता का मामला ही नहीं रह जाता है। मुकदमे को लेकर हमारा दावा पक्का है। इसे हम अदालत में भी साबित करेंगे। मुकदमे में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन आ सकते हैं। हालांकि उनकी सेहत ठीक नहीं है। विष्णु जैन तो साथ रहेंगे ही।