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Varanasi Gyanvapi Case : कार्बन डेटिंग के समर्थन में शहर के इलाकों में लगे पोस्टर, पुलिस ने मामले की जांच शुरू की

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर स्थित ज्ञानवापी- श्रृंगार गौरी विवाद के मामले में गुरूवार की रात पोस्टर वार भी शुरू हो गया। शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए इन पोस्टर पर लिखा है कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच का समर्थन।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 29 Sep 2022 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 11:32 PM (IST)
Varanasi Gyanvapi Case : कार्बन डेटिंग के समर्थन में शहर के इलाकों में लगे पोस्टर, पुलिस ने मामले की जांच शुरू की
वाराणसी में लगाए गए पोस्टरों को पुलिस उखाड़ रही है

वाराणसी, जागरण संवाददाता। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर स्थित ज्ञानवापी- श्रृंगार गौरी विवाद के मामले में गुरूवार की रात पोस्टर वार भी शुरू हो गया। शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाए गए इन पोस्टर पर लिखा है कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच का समर्थन। पुलिस पोस्टर लगाने वालों की जांच शुरू कर दी है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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इस पोस्टनुमा समर्थन पत्र को कचहरी, अंधरापुल, लंका, दुर्गाकुड समेत अन्य क्षेत्रों में लगाया गया है। इसकी जानकारी मिलते ही कमिश्नरेट पुलिस सक्रिय हो गई। आनन फानन पोस्टर फाड़ने का क्रम शुरू हुआ।पोस्टर पर ज्ञानवापी मुकदमा में हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन, विष्णु जैन और आशीष तिवारी के फोटो लगे हैं।

भगवा रक्षा वाहिनी लिखे इस पोस्टर पर वाहिनी के जुड़े सुमित राज और संजीव शर्मा के फोटो भी लगे हैं

भगवा रक्षा वाहिनी लिखे इस पोस्टर पर वाहिनी के जुड़े सुमित राज और संजीव शर्मा के फोटो भी लगे हैं। गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर में 16 मई को मिले शिवलिंग की हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन की ओर से कार्बन डेटिंग या अन्य तरह की वैज्ञानिक जांच के लिए जिला जज एके विश्वेश की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है।

इस पर गुरूवार को सुनवाई हुई है। हालांकि इस मामले में इंतजामिया मसाजिद कमेटी पहले से विरोध कर रही है और हिंदू पक्ष की एक महिला की ओर से भी विरोध दर्ज कराया गया है।

कार्बन डेटिंग के कोर्ट में विरोध के बाद अपना पक्ष रखकर कोर्ट से बाहर आए विष्णु शंकर जैन ने कहाकि हमने सिर्फ कार्बन डेटिंग की मांग नहीं की है। एएसआई जिस वैज्ञानिक तरीके से जांच करना चाहे कर सकती है। लेकिन इस सत्यता का पता चलना चाहिए कि शिवलिंग की असलियत क्या है। सच्चाई सामने आना चाहिए। बता दें कि जब ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग मिला था तब देशभर के मुस्लिम नेताओं और मुकदमे के पक्षकारों ने उसे फौव्वारा बताया था।


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