Varanasi Gyanvapi Case : अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की आपत्ति पर दोनों प्रार्थना पत्रों पर अब 23 मई को होगी सुनवाई
तहखाने की दीवार कमीशन की कार्यवाही कराने की महिला पक्षकारों की अपील और मछली को स्थानांतरित करने के जिला शासकीय अधिवक्ता की प्रार्थना पत्र पर प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है। दोनों प्रार्थना पत्रों पर 23 मई को होगी सुनवाई।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। gyanvapi masjid case ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान तहखाने की दीवार हटाने और वजूखाने की मछलियों के प्रकरण पर अब 23 मई को सुनवाई होगी। तहखाने की दीवार कमीशन की कार्यवाही कराने की महिला पक्षकारों की अपील और मछली को स्थानांतरित करने के जिला शासकीय अधिवक्ता की प्रार्थना पत्र पर प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है। दोनों प्रार्थना पत्रों पर 23 मई को होगी सुनवाई।
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने मस्जिद के तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटाकर सर्वे कराने मांग की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से वजूखाने में मौजूद मछलियों को स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग संबंधित प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई नहीं हुई। इसके लिए अगली तिथि 19 मई को तय की गई है। वकीलों की हड़ताल के चलते प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई टल गई।
दोनों प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के लिए वादी और प्रतिवादी पक्ष लंच के बाद अदालत पहुंच गए थे। दोनों प्रार्थना पत्र बेहद महत्वपूर्ण हैं, इसलिए हर किसी में यह जानने की उत्सुकता रही कि अदालत इस पर क्या निर्णय करती है। वादी पक्ष ने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया है कि मस्जिद परिसर में जहां शिवलिंग मिला है उसके पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। इसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंदकर दिया गया है। नंदी के मुंह की तरफ जो तहखाना है उसमें मलबा पड़ा हुआ है। इसके उत्तर में दीवार खड़ा करके शिवलिंग को ढकते हुए सीमेंट से जोड़ दिया गया है। जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया है कि जिस वजूखाना को सील किया गया है उसकी मछलियों के जीवन पर संकट आ गया है। ऐसे में उन्हें स्थानांतरित करने के बाबत निर्देश दिया जाए।