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Varanasi Gyanvapi Case : अदालत में सौंपी गई सर्वे की पहली रिपोर्ट, दीवार तोड़ने पर सुनवाई आज

gyanvapi masjid news शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वजूखाने में मौजूद मछलियों को स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग संबंधित प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई नहीं हुई। इसके लिए अगली तिथि 19 मई को तय की गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 01:50 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 01:50 AM (IST)
Varanasi Gyanvapi Case : अदालत में सौंपी गई सर्वे की पहली रिपोर्ट, दीवार तोड़ने पर सुनवाई आज
एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने ज्ञानवापी केस मामले की रिर्पोट सौंप दी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : gyanvapi masjid case explained ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे की पहली रिपोर्ट बुधवार को सिविल जज की अदालत में हटाए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने सौंप दी है। देर शाम सौंपी गई रिपोर्ट दो पृष्ठ की है। न्यायालय के आदेश पर छह और सात मई को हुए सर्वे में अजय कुमार मिश्र शामिल थे, बाद में उन्हें हटा दिया गया था। रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में सौंपी गई है। तहखाने की दीवार हटाने और वजूखाने की मछिलयों के प्रकरण पर वकीलों के कार्य बहिष्कार के कारण बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। सरकार के विशेष सचिव के एक पत्र में वकीलों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में आज न्यायालय में अधिवक्ताओं ने काम ठप रखा।

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सूत्रों के अनुसार पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कार्यवाही के दौरान वादी से यह जानने की कोशिश भी की थी कि मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार की बैरिकेडिंग के बाहर सिंदूर लगी तीन से चार कलाकृतियां व शिलापट्ट शृंगार गौरी हैं या नहीं। उन्हें बताया गया कि यह शृंगार गौरी मंदिर की चौखट का अवशेष है। बैरिकेङ्क्षडग के अंदर मुख्य मंदिर या उसके अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है, इसलिए उनकी कलाकृति के प्रतीक को फिलहाल शृंगार गौरी मानकर पूजते हैं।

बता दें कि 18 अगस्त, 2021 को पांच महिलाओं राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में वाद दायर कर मां शृंगार गौरी के दैनिक दर्शन-पूजन की अनुमति देने व अन्य विग्रहों को संरक्षित करने की अपील की थी। वाद में कहा गया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पीछे प्राचीन काल से मौजूद देवी मां शृंगार गौरी की छवि है। आठ अप्रैल 2022 को सिविल जज ने अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए कार्यवाही की रिपोर्ट देने को कहा था। एडवोकेट कमिश्नर ने कमीशन की कार्यवाही के लिए छह व सात मई की तिथि निर्धारित की थी। छह मई को दिन में 3.30 से 5.45 तक सर्वे हुआ था। सात मई को मस्जिद पक्ष के विरोध और बड़ी संख्या में नमाजियों के जुट जाने की वजह से कार्यवाही नहीं हो पाई थी।

मलबा और कमरेनुमा संरचना हटाने की वादी पक्ष ने की है मांग

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने मस्जिद के तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटाकर सर्वे कराने मांग की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से वजूखाने में मौजूद मछलियों को स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग संबंधित प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई नहीं हुई। इसके लिए अगली तिथि 19 मई को तय की गई है। वकीलों की हड़ताल के चलते प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई टल गई।

दोनों प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के लिए वादी और प्रतिवादी पक्ष लंच के बाद अदालत पहुंच गए थे। दोनों प्रार्थना पत्र बेहद महत्वपूर्ण हैं, इसलिए हर किसी में यह जानने की उत्सुकता रही कि अदालत इस पर क्या निर्णय करती है। वादी पक्ष ने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया है कि मस्जिद परिसर में जहां शिवङ्क्षलग मिला है उसके पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। इसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंदकर दिया गया है। नंदी के मुंह की तरफ जो तहखाना है उसमें मलबा पड़ा हुआ है। इसके उत्तर में दीवार खड़ा करके शिवङ्क्षलग को ढकते हुए सीमेंट से जोड़ दिया गया है। जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया है कि जिस वजूखाना को सील किया गया है उसकी मछलियों के जीवन पर संकट आ गया है। ऐसे में उन्हें स्थानांतरित करने के बाबत निर्देश दिया जाए।

दो दिन का मांगा समय

वादी पक्ष की ओर से न्यायालय को दिए गए तहखाने की दीवार हटाने संबंधित प्रार्थना पत्र पर अपना पक्ष रखने के लिए प्रतिवादी पक्ष ने अदालत से दो दिन का समय मांगा है। इस आशय का प्रार्थना पत्र बुधवार को अदालत में दाखिल किया गया। इस पर भी सुनवाई 19 मई को ही होगी।

कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट आज कोर्ट में दाखिल करेंगे विशेष एडवोकेट कमिश्नर

ज्ञानवापी प्रकरण में न्यायालय के आदेश पर नियुक्त विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल ङ्क्षसह 19 मई को तीन दिन की कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करेंगे।


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