Move to Jagran APP

Gyanvapi Masjid Case : वजू वाले तालाब में मौजूद मछलियों को कहीं और सुरक्षित रखने के लिए प्रार्थना पत्र दायर

Gyanvapi Masjid Case Latest Updates जिला शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट से मांग की है कि वजू वाले तालाब में मौजूद मछलियों को कहीं और सुरक्षित रखा जाए। शौचालय का प्रवेश द्वार भी सील एरिया में है। इसके लिए कोई दूर रस्ता नहीं है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 12:52 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 12:58 PM (IST)
Gyanvapi Masjid Case  : वजू वाले तालाब में मौजूद मछलियों को कहीं और सुरक्षित रखने के लिए प्रार्थना पत्र दायर
ज्ञानवापी परिसर में वजू वाले तालाब में मौजूद मछलियों को कहीं और सुरक्षित रखने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडे ने अदालत से कोर्ट कमिश्नर की मांग की है। उनका कहना है कि पूर्व में हुई कोर्ट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वजू वाले स्थान पर महत्वपूर्ण साक्ष मिले हैं। इसके चलते उस एरिया को सील कर दिया गया। इसलिए वजू वाले तालाब में मौजूद मछलियों को कहीं और सुरक्षित रखा जाए। शौचालय का प्रवेश द्वार भी सील एरिया में है। इसके लिए कोई दूर रस्ता नहीं है। वजू के लिए लगे नालों के लिये बिछाई गईं पाइप लाइन को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए।

loksabha election banner

मछलियों की संख्या अधिक होने के कारण सभी को निकाल पाना संभव नहीं हुआ

सरकारी वकील ने कोर्ट में एक नई प्रार्थना पत्र दायर कर वजू खाने की पाइपलाइन को बाहर शिफ्ट करने की मांग की है। 16 मई को सर्वे कार्रवाही के दौरान अंदर शौचालय को सील किया गया। ज्ञानवापी परिसर के तालाब के पानी को खाली कराने के दौरान शिवलिंग अस्तित्व में आने की बात सामने आई पर इस दौरान इसमें मौजूद सैकड़ों मछलियों की जान भी आफत में आ गई। प्रशासन ने प्रांरभिक दौर में बीस से तीस मछलियों को निकलवाकर एक पानी भरे ड्रम में सुरक्षित रखा पर संख्या अधिक होने के कारण सभी को निकाल पाना संभव नहीं हुआ। पानी निकासी के कारण आक्सीजन की कमी आना स्वाभाविक मानते हुए तत्काल मत्स्य विभाग को मौके पर बुलाया गया।

आक्सीजन की व्यवस्था के साथ मत्स्य विभाग पहुंचा। तालाब में डेढ़ फीट तक पानी होने के कारण बाद में निकाली गई मछलियों को भी उसी में छोड़ दिया गया। गर्मी व पानी की कमी से पर्याप्त आक्सीजन न होने की वजह से अब इन मछलियों की जान जा सकती है, इसलिए प्रशासन इनकी व्यवस्था के बाबत कोर्ट से अपील करेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि कोर्ट निर्देश के क्रम में इन मछलियों को बचाने का प्रयास होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.