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वाराणसी के सरकारी कार्यालयों में कागज पर रोस्टर, कोविड गाइडलाइन के बाद भी बीमार आ रहे दफ्तर

बीमार कर्मचारी भी कार्यालय आ रहे हैं। कोविड के सिंप्टम्स मिलने के बाद भी सीधे जांच कराकर् लोग कार्यालय आ रहे हैं। कहते हैं कि इसकी जानकारी देने के बाद अवकाश नहीं मिल रहा है। वेतन काटने के निर्देश जारी हो जा रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:18 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:37 PM (IST)
वाराणसी के सरकारी कार्यालयों में कागज पर रोस्टर, कोविड गाइडलाइन के बाद भी बीमार आ रहे दफ्तर
कोविड के सिंप्टम्स मिलने के बाद भी सीधे जांच कराकर् लोग कार्यालय आ रहे हैं ।

वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। जांच कराने वाले 100 में 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। आला अधिकारी भी इसको मान रहे हैं। शासन का आदेश है कि इस समय  कार्यालयों में 50 फीसद ही कर्मचारियों को बुलाया जाए लेकिन बहुतायत कार्यालयों में इसकी अनदेखी की जा रही है। बीमार कर्मचारी भी कार्यालय आ रहे हैं। कोविड के सिंप्टम्स मिलने के बाद भी सीधे जांच कराकर् लोग कार्यालय आ रहे हैं। कहते हैं कि इसकी जानकारी देने के बाद अवकाश नहीं मिल रहा है। वेतन काटने के निर्देश जारी हो जा रहे हैं। जिला पंचायत तो इसका सबसे बड़ा नजीर है। कर्मचारियों का आरोप है कि समस्या बताने पर भी अधिकारी अवकाश नहीं दे रहे हैं। अधिकारियोंं का तर्क है कि अवकाश देने के बाद काम कैसे होगा। पंचायत चुनाव के कारण काम बढ़ा हुआ है। फिलहाल कर्मचारियों में इसे लेकर रोष है। साथ ही कार्यालय अपने साथियो से ही भयभीत हैं। 

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कोरोना चेन तोड़ने के लिए कमिश्नरी बंद

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कोरोना की चेन तोड़ने व् कमिश्नरी के सभी न्यायालय व् कार्यालय को सैनिटाइज कराने के उद्देश्य से 20 अप्रैल तक बन्द करने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ डीएम कौशल राज शर्मा ने न्यायालय को सैनिटाइज कराने के लिए तीन दिन तक का अवकाश घोषित किया है। कर्मचारियो का कहना है कि सबसे अधिक कर्मचारी कार्यालय में रहते हैं। कमिश्नरी बन्द हो सकती है तो कलेक्ट्रेट क्यों नहीं। 

आवेदन की बढ़ी संख्या

पंचायत चुनाव में चुनाव ड्यूटी से नाम काटने के लिए आवेदन की संख्या  बढती जा रही है। बताया जा रहा है 700 से अधिक आवेदन अब तक आ चुके हैं। इसमे सर्वाधिक कोविड से जुड़े हैं। किसीं के घर में कोविड मरीज है तो कुछ स्वयं चपेट में हैं। किसी की तबीयत नासाज़ है तो कुछ गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। अब इसमें से कितने को चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाता है , यह तो पोलिंग पार्टियों की 18 अप्रैल को रवानगी के दौरान दिखेगी। हालांकि कार्मिक अधिकारी व् सीडीओ मधुसूदन हुल्गी ने सभी को आश्वस्त किया है कि गंभीर रूप से बीमार व् कोविड मरीजो को मेडिकल टीम की रिपोर्ट के आधार पर मुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही धात्री, गर्भवती महिलाओं व् दिव्यांग को भी चुनाव ड्यूटी से वरीयता के क्रम में मुक्त करने की कोशिश होगी। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति जटिल है पर चुनाव भी जरूरी है।


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