कूड़ा प्रबंधन व नाला स्क्रीनिंग में पिछड़ा बनारस, आगे योजना की होगी समीक्षा
शासन ने इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन योजना में अमृत गंगा शहर में होने वाले कार्यों का ब्योरा मांगा है। केंद्रीय टीम इस योजना की प्रगति की समीक्षा करेगी।
वाराणसी, जेएनएन । कूड़ा प्रबंधन व नाला स्क्रीनिंग में बनारस बहुत पीछे चल रहा है। इस दिशा में चल रहे कार्यों की प्रगति अच्छी नहीं है। इसको लेकर सोमवार को लखनऊ में बनारस समेत 17 नगर आयुक्त व कई अधिशासी अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाई गई है। इसमें केंद्रीय टीम उनकी क्लास लगाएगी। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए तमाम उपाय ढूंढे जा रहे हैं। शासन ने इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन योजना में अमृत गंगा शहर में होने वाले कार्यों का ब्योरा मांगा है। केंद्रीय टीम इस योजना की प्रगति की समीक्षा करेगी। केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव वीके जिंदल मौजूद रहेंगे।
नदियों के किनारे बसे शहरों के लिए अमृत गंगा शहर योजना पर काम चल रहा है। इस योजना में नालों का गंदा पानी नदियों में गिरने से रोकने के लिए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने का काम कराया जा रहा है, जिससे नालों का गंदा पानी गिरने से रोका जाए। बैठक में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, कूड़ा निस्तारण, नाला स्क्रीनिंग और एसटीपी के कार्यों की जानकारी ली जाएगी। वाराणसी के नगर आयुक्त को स्मार्ट सिटी कार्यशाला में भाग लेने के लिए छूट देते हुए अपर नगर आयुक्त की उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित किया गया है।
डोर टू डोर : यह व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। शहर के 90 वार्डों में 21 में नगर निगम कूड़ा उठवाता है। 30 वार्ड कियाना कंपनी व 14 आइएलएफएस के जिम्मे हैं। शेष 25 वार्डों की जिम्मेदारी ईकोपाल कंपनी की थी जिसने अक्टूबर के अंत से काम करना बंद कर दिया। ऐसे में व्यवस्था लड़खड़ा गई है।
नाला स्क्रीनिंग : अभी तैयारी ही चल रही है, स्क्रीनिंग के तहत नालों में जालियां लगाकर ठोस अपशिष्ट को रोकना है। शहर में 42 नाले हैं। इनमें 28 गंगा में व 14 नाले वरुणा में मिलते हैं। इसके बाद एसटीपी के जरिए ट्रीटमेंट प्रक्रिया की जाएगी।
कूड़ा निस्तारण : शहर में प्रतिदिन लगभग 600 टन कूड़ा निकलता है। करसड़ा निस्तारण केंद्र पर इसके सापेक्ष लगभग 400 टन कूड़ा भी नहीं पहुंचता। इसके अलावा सूखा व गीला कचरा अलग करने की दिशा में भी काम की गति धीमी है। घर से ही कूड़ा अलग करने के लिए दस वार्डों में प्रयास किया जा रहा है।