वाराणसी के डीलरों के पास पड़ी है 4600 वाहनों की फाइलें, आवंटित नहीं हो पा रहा है नंबर
वाहन बेचने के साथ उन्होंने फाइल परिवहन कार्यालय नहीं भेजी। कोरोना संक्रमण के बहाने डीलरों के अपने पास 4600 से अधिक फाइलें रखीं हैं जिसके चलते उन वाहनों का पंजीयन होने के साथ नंबर आवंटित नहीं हो पा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में डीलरों ने भी खूब मनमानी की है। वाहन बेचने के साथ उन्होंने फाइल परिवहन कार्यालय नहीं भेजी। कोरोना संक्रमण के बहाने डीलरों के अपने पास 4600 से अधिक फाइलें रखीं हैं जिसके चलते उन वाहनों का पंजीयन होने के साथ नंबर आवंटित नहीं हो पा रहा है जबकि, वाहन बेचने के एक सप्ताह के अंदर फाइल परिवहन कार्यालय हरहाल में पहुंच जानी चाहिए। पहली बार कोरोना संक्रमण में फाइल नहीं भेजने पर परिवहन अधिकारी ने कई डीलरों को कारण बताओ नोटिस थमाया था। उनके माफी मांगने पर परिवहन अधिकारी ने छोड़ दिया था।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण में निजी अस्पताल संचालकों के साथ एंबुलेंस चालकों ने खूब मनमानी की। मरीजों से मनमाना किराया वसूला। वहीं, अब डीलरों ने मानमानी शुरू कर दी है। वाहन बेचने और पंजीशन शुल्क लेने के बाद भी फाइल परिवहन कार्यालय नहीं भेज रहे हैं। इन फाइलाें की संख्या 100-200 नहीं, बल्कि 4600 है। एक सप्ताह के अंदर फाइल परिवहन कार्यालय नहीं जाने और उसका पंजीयन न होने पर पर वाहन स्वामी को अतिरिक्त पैसा देना पड़ता है। ऐसी फाइलों की संख्या तीन सौ से अधिक है। फाइले नहीं भेजने पर परिवहन विभाग ने नाराजगी जाहिर करते हुए उसे शीघ्र भेजने का निर्देश दिया है। सोमवार तक परिवहन कार्यालय फाइल नहीं पहुंचने पर परिवहन विभाग उन्हें फिर कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।
रुपये का दूसरे काम में करते हैं उपयोग
डीलर वाहन बेचने के साथ वाहन स्वामी से पंजीयन शुल्क लेते हैं लेकिन उस रुपये को अपने पास कई दिनों तक रखने के साथ दूसरे कामों में इस्तेमाल करते हैं। स्थिति यह है कि डीलर वाहन बेचने के साथ सेल लेटर नहीं बनाते हैं। उन्हें वाहन देने के साथ एक पपत्र दे देते हैं जिससे बाद में कोई परेशानी नहीं हो। उस वाहन से कोई हादसा होने पर तत्काल सेल लेटर जारी कर देते हैं।
वाहन बेचने के एक सप्ताह के अंदर फाइल नहीं भेजने वाले डीलरों को मौखिक सूचना दे दी गई है। सोमवार तक फाइल नहीं भेजने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी, क्योंकि पहली बार कोरोना संक्रमण फैलने पर डीलरों ने फाइल रोक दी थी। उस दौरान उन्हें चेतावनी देने के साथ छोड़ दिया गया था।
-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)