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    वाराणसी में दालमंडी प्रकरण को लेकर कांग्रेस नेताओं ने ज‍िलाध‍िकारी से की मुलाकात, उठाई यह मांग

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 06:32 PM (IST)

    वाराणसी में दालमंडी क्षेत्र के एक मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने जिलाधिकारी से भेंट की। उन्होंने व्यापारियों की समस्याओं पर ध्यान देने और उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। कांग्रेस नेताओं ने एक ज्ञापन सौंपा जिसमें व्यापारियों को हो रही परेशानियों का उल्लेख किया गया था, और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।

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    दालमंडी के व्यापारियों को बिना उचित नोटिस और वैकल्पिक व्यवस्था के प्रशासनिक मशीनरी द्वारा परेशान करने का आरोप लगाया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। दालमंडी क्षेत्र में चल रहे ध्वस्तीकरण, जबरन अधिग्रहण और व्यापारियों के उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर वाराणसी में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इसी संदर्भ में बुधवार को जिला/महानगर कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित व्यापारियों के साथ मिलकर वाराणसी के जिलाधिकारी से मिला और तत्काल कार्रवाई रोकने की मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे और जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने किया।

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    इस अवसर पर कांग्रेस के नेता और दालमंडी के व्यापारी उपस्थित रहे। व्यापारियों ने जिलाधिकारी को अपनी व्यथा सुनाई, जिस पर कांग्रेस ने कहा कि प्रशासन की कार्रवाई अमानवीय है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि दालमंडी के व्यापारियों को बिना उचित नोटिस और वैकल्पिक व्यवस्था के प्रशासनिक मशीनरी द्वारा परेशान किया जा रहा है।

    दुकानों के बाहर तोड़फोड़, नोटिस की धमकी और जबरन अधिग्रहण की कार्रवाई से हजारों परिवारों का जीवन संकट में है। यह केवल संपत्ति या दुकान का मामला नहीं, बल्कि हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी और बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा मुद्दा है।

    महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि दालमंडी सिर्फ एक बाजार नहीं है, यह काशी की आर्थिक धड़कन और सांस्कृतिक पहचान है। लेकिन वर्तमान सरकार काशी को कॉरपोरेट के हवाले करने पर तुली हुई है। यह विकास नहीं, विनाश की प्रक्रिया है। छोटे और मध्यम व्यापार को कुचलने की कोशिश की जा रही है। यह वही सरकार है जो 'रोज़गार देने' की बात करती थी, लेकिन अब लोगों का रोज़गार छीनने में लगी है।

    दालमंडी के प्रत्येक व्यापारी की आँख में भय, दर्द और भविष्य को लेकर चिंता झलक रही है। बनारस का व्यापार सदियों से सांस्कृतिक और धार्मिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। जब काशी की आर्थिक आत्मा को चोट पहुँचती है, तो यह केवल व्यापारी का नहीं, पूरे शहर का अपमान है। कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर इस अन्याय और दमन को स्वीकार नहीं करेगी।

    आज जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि भू-स्वामियों से मिलकर मामले का समाधान किया जाएगा। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल की सभी बातें गंभीरता से सुनीं और आश्वासन दिया कि पाँच दिनों के भीतर भू-स्वामियों, व्यापारियों और प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी। उसी बैठक में सभी पक्षों से बातचीत कर, उनकी सहमति से ही आगे की अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

    उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन व्यापारियों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करेगा। कांग्रेस पार्टी हर व्यापारी के साथ खड़ी है और यदि यह दमन और अन्याय नहीं रुका, तो कांग्रेस व्यापारी समाज के साथ मिलकर सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगी। कांग्रेस का स्पष्ट मत है कि विकास जनता के साथ संवाद से होना चाहिए, दमन से नहीं।

    प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से पाँच मांगें की हैं
    1. दालमंडी क्षेत्र में चल रहे ध्वस्तीकरण और अधिग्रहण की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए।
    2. सभी प्रभावित व्यापारियों को वैकल्पिक स्थान या समुचित मुआवज़ा दिया जाए।
    3. भू-स्वामियों के साथ बैठक में सभी निर्णय पारदर्शिता के साथ लिए जाएं।
    4. पुलिस और प्रशासन द्वारा व्यापारियों पर किए जा रहे उत्पीड़न की जाँच हो।
    5. व्यापारी हितों की रक्षा के लिए एक स्थायी निगरानी समिति का गठन किया जाए।

    इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को संपूर्ण रिपोर्ट सौंपी जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो राज्यव्यापी विरोध आंदोलन शुरू किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे सहित सैकड़ों व्यापारी और कांग्रेस जन उपस्थित रहे।