Varanasi City Weather Forecast : उमस से मिली राहत, अभी कुछ दिनों तक होगी बारिश
कई दिनों के बाद सोमवार को मौसम सुहाना रहा। मंगलवार को सुबह से बादलों की आवाजाही जारी है। मानसून की ट्रफ लाइन पूर्वांचल के जिलों से होकर गुजर रही है।
वाराणसी, जेएनएन। कई दिनों के बाद सोमवार को मौसम सुहाना रहा। मंगलवार को सुबह से बादलों की आवाजाही जारी है। मौसम विज्ञानी के अनुसार अगले तीन दिनों तक वाराणसी और आसपास के इलाकों में कहीं ज्यादा तो कहीं कम बारिश होती रहेगी। मानसून की ट्रफ लाइन पूर्वांचल के जिलों से होकर गुजर रही है। इसके चलते बरसात होगी और लोगों को उमस से भी निजात मिलेगी। शनिवार और रविवार को जहां उमसभरी गर्मी से सोमवार को राहत मिली वहीं बरसात से किसान भी खुश हैं। अब ऊंचाई वाले खेतों को पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। निचले खेतों में जिन लोगों ने धान की रोपाई कर ली है उनके लिए भी बारिश फायदेमंद साबित हुई है।
बलिया पुलिस लाइन व कोतवाली की स्थिति हुई दयनीय
सोमवार को हुई झमाझम बारिश के बाद शहर के कई मोहल्लों में पानी लग गया है। इससे एक तरफ जहां नपा प्रशासन की सफाई व्यवस्था औंधे मुंह नजर आ रही है वहीं नाला सफाई के नाम पर करोडो रुपये खर्च का दावा भी फ्लाफ हो गया है। पानी निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से रहवासी इलाकों की कौन कहे सरकारी दफ्तर भी आने जाने लगाय नहीं रह गए हैं। पुलिस लाइन ग्राउंड भी पूरी तरह पानी से भर चुका है। इसकी वजह से सरकारी क्वार्टरों व बैरकों तक में पानी पहुंच गया है। इसके चलते सिपाहियों को गंदे व सड़ाध युक्त पानी के बीच ही रात बितानी पड़ रही है।
बाढ़ से निपटने को पहले से कर लें पुख्ता इंतजाम
संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने सोमवार को बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने महावीर घाट से आगे बढ़ते हुए श्रीरामपुर घाट तक गए और बाढ़ की स्थिति की जानकारी संबंधित अधिकारियों से ली। इस दौरान उन्होंने ङ्क्षरग बंधे को भी दुरुस्त रखने पर जोर दिया। मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि पानी अब बढ़ रहा है। पहले से ही बाढ़ विभाग इसकी पूरी तैयारी कर ले। मंत्री ने राजस्व महकमे को भी निर्देश दिया है कि नाव की व्यवस्था व अन्य इंतजाम पहले से ही कर लिया जाए। पानी बढऩे की दशा में लोगों को राहत दिलाने में किसी प्रकार की अफरातफरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने साफ किया है कि अगर विभागीय लापरवाही से लोगों को दिक्कत हुई तो इसके लिए जवाबदेही भी तय की जाएगी। बाढ़ विभाग के अभियंताओं को कहा कि ङ्क्षरग बंधे की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान होना चाहिए। अगर कहीं किसी जानवर द्वारा बिल (मांद) कर दी गई है तो उसको अभी ठीक कर लिया जाए।