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varanasi city weather forecast : 15 अगस्त तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में होगी बारिश, उमस से राहत

पूर्वांचल के जिलों में बरसात का क्रम जारी है। बुधवार को भारी बरसात से लोगों को दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा। 15 अगस्त तक पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश के प्रबल आसार बना हुआ है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 07:40 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 09:53 AM (IST)
varanasi city weather forecast : 15 अगस्त तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में होगी बारिश, उमस से राहत
varanasi city weather forecast : 15 अगस्त तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में होगी बारिश, उमस से राहत

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल के जिलों में बरसात का क्रम जारी है। बुधवार को भारी बरसात से लोगों को दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार अब मानसून पूरी तरह से क्रियाशील हो गई है, पछुवा हवाएं चल रही हैं। 15 अगस्त तक पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश के प्रबल आसार बना हुआ हैं। तेज हवा के साथ बुधवार को जमकर बारिश हुई। दिन भर रुक-रुककर बारिश होने से शहर से लेकर गांव तक जलमग्न हो गए।  बारिश का पानी कई लोगों के घरों में घुस गया। परेशान लोगों ने पंप लगाकर, डिब्बे और बाल्टी से घरों से पानी निकालते रहे। वहीं सड़कों पर पानी भरने से राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई। तेज हवा और बारिश के चलते कई स्थानों पर पेड़ गिरने के साथ कच्चे मकान और टीन शेड उड़ गए जिससे उनके गृहस्थी के सामान भींग गए।

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बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो एसएन पांडेय ने बताया कि अब मानसून पूरी तरह से क्रियाशील हो गई है, पछुवा हवाएं चल रही हैं। इससे दोपहर के बाद से ही मौसम खुशगवार हो गया। वहीं किसानों को भी इससे काफी राहत मलिेगी। इससे धान की खेती में काफी मदद होगी और आगे आने वाली बारिश से भी खेती-किसानी को काफी राहत मिलेगी।15 अगस्त तक पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश के प्रबल आसार बने हुए हैं। बुधवार को जहां न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और अधिक्तम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं दनि भर आद्रता 95 फीसदी से ज्यादा रही।

आधा दर्जन मकान ध्वस्त, एक की मौत, कई घायल

इस मानसून सत्र में मात्र दो दिनों के अंतराल पर हो रही भारी बरसात अब कच्चे मकानों के लिए काल बन रही है। मंगलवार की रात से लेकर बुधवार की शाम त आधा दर्जन मकान ध्वस्त हो गए। इसके चलते बोझी क्षेत्र में एक वृद्ध की मौत हो गई जबकि अन्य स्थानों पर कई लोग चोटिल हो गए हैं। इसके चलते उन परिवारों के समक्ष सिर छिपाने का घोर संकट उत्पन्न हो गया है। बेला सुल्तानपुर की पश्चिमी बस्ती में लरलजी, कवलवास एवं शिवमुनी का मकान ध्वस्त हो गया है। इनमें से शिवमुनी का पूरा मकान ही ध्वस्त हो गया जबकि अन्य दो का आंशिक रूप से गिरा है हालांकि अवशेष मकान कभी भी  गिरने को तैयार है। इसी बस्ती के धर्मचंद एवं मूरत के मकान का हाल यह कि बाहरी दीवार टेढ़ी हो चुकी है एवं खपरैल पर प्लास्टिक लगाकर बरसात का पानी अंदर आने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। संयोग अच्छा रहा कि तीनों ही घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है। दरअसल मकान की जर्जर स्थिति के चलते गृह स्वामियों ने इन घरों को खाली कर दिया था। अलबत्ता इनके समक्ष अब बेघर होने की समस्या आ गई है। बरसात का यही रुख रहा तो शिवमुनी एवं कैलाश ही नहीं वरन इस बस्ती में तमाम ऐसे लोग हैं जिनके आवास आने वाले दिनों में आंशिक या पूर्णरूप से जमींदोज हो सकते हैं।

दोहरीघाट थाना अंतर्गत मादी-सिपाह मल्लाह बस्ती में मिट्टी से जोड़ा गया पिलर धराशायी हो गया। इसके मलबे में दबकर 73 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई।दोहरीघाट थाना क्षेत्र के मादी-सिपाह मल्लाह बस्ती निवासी भृगु साहनी (73) अपने घर में चारपाई पर लेटे थे कि उसी समय लगभग 10 फुट ऊंचा मिट्टी से चुना गया पिलर भरभरा कर गिर गया।  उसमें दबकर वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गई। परिजन उसे तसल्ली के लिए मादी-सिपाह बाजार स्थित एक प्राइवेट अस्पताल ले गए। जहां डाक्टर ने वृद्ध को मृत घोषित कर दिया। मृतक के लड़के धनीमान, ध्यान, कतवारू, हनुमान ने बताया कि शव का अंतिम संस्कार दोहरीघाट मुक्तिधाम पर किया जाएगा।


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