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कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से बचाएगी पॉलीहर्बल ड्रग, बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के विज्ञानियों ने पांच वनस्पतियों से बनाया

कैंसर के ज्यादातर मामलों में कीमोथेरेपी को सबसे कारगर उपचार माना जाता है। कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी की जाती है। इसके तमाम दुष्प्रभाव भी देखने में आते हैैं। बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में विज्ञानियों ने पांच वनस्पतियों से पॉलीहर्बल ड्रग तैयार किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:42 AM (IST)
कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव से बचाएगी पॉलीहर्बल ड्रग, बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के विज्ञानियों ने पांच वनस्पतियों से बनाया
बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में विज्ञानियों ने पांच वनस्पतियों से पॉलीहर्बल ड्रग तैयार किया है।

वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। कैंसर के ज्यादातर मामलों में कीमोथेरेपी को सबसे कारगर उपचार माना जाता है। कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी की जाती है। हालांकि इसके तमाम दुष्प्रभाव भी देखने में आते हैैं। इसे ध्यान में रखते हुए बीएचयू के आयुर्वेद संकाय में विज्ञानियों ने पांच वनस्पतियों से पॉलीहर्बल ड्रग तैयार किया है। यह दवा कीमोथेरेपी के डोज को कम करने के साथ ही उसके दुष्प्रभाव पर भी अंकुश लगाएगी। यह दवा न सिर्फ ट्यूमर को बढऩे से रोकने में कारगर पाई गई है, मृत्युदर घटाने और मरीज की जिंदगी को दर्द रहित बनाने में भी बेहतर साबित हुई है।

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चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित द्रव्यगुण विभाग (आयुर्वेद संकाय) के प्रो. केएन द्विवेदी व प्रो. अनिल कुमार सिंह की अगुआई में डा. राजेश कुमार सिंह, डा. अमित रंजन, डा. रुचिता त्रिपाठी इस पर शोध कर रहे हैैं। शोध टीम जेनोग्राफ्ट (कैंसरग्रस्त कोशिकाओं को चूहों पर प्रत्यारोपित कर प्रयोग) में सफल परिणामों की पुनरावृत्ति पाने के बाद इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी में है।

कैंसरग्रस्त कोशिकाओं में हो जाता है ड्रग रेसिस्टेंट : देश में कैंसर मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है, विशेषकर स्तन कैंसर। इनके एडवांस स्टेज के उपचार में शल्य और कीमोथेरेपी पद्धति काफी अहम होती है। हालांकि इसके साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) बहुत घातक होते हैं। यही नहीं, कीमोथेरेपी हमेशा सफल नहीं होती, क्योंकि कैंसरग्रस्त कोशिकाओं में ड्रग रेसिस्टेंट (दवा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता) पैदा हो जाता है।

आसानी से मिलने वाले पौधे शामिल हैैं शोध में : डा. राजेश ने बताया कि पॉलीहर्बल ड्रग को बनाने में अमूरा रोहितक, सरपूंखा सहित जिन पांच वनस्पतियों का उपयोग किया गया है वे आसानी से उपलब्ध हैैं। नियमों के तहत अभी तक सभी वनस्पतियों का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। प्रो. अनिल कुमार सिंह के मुताबिक अत्याधुनिक जीवनशैली से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा हैं। विभाग में चल रहे शोध से कैंसर मरीजों के लिए जल्द राहत भरी खबर आ सकती है।  

देश में कैंसर के कुल सक्रिय मरीज : 8.20 लाख  

2020 में नए मामले : 6.60 लाख

स्रोत : इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ कैंसर रिसर्च

कीमोथेरेपी साइड इफेक्ट

-श्वेत रक्त कण कम होने से संक्रमण का खतरा 

-एनीमिया यानी खून की कमी

-मुंह में छाले पडऩा

-बालों का झडऩा

-उल्टी या मिचली आना

-भूख न लगना

-कमजोरी महसूस होना


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