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वाराणसी में प्रदूषण फैला रहा IPDS, वाराणसी नगर आयुक्‍त ने दी कार्रवाई की चेतावनी

नगर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नगर आयुक्त गौरांग राठी ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने आइपीडीएस को नोटिस भेजी है। आइपीडीएस सड़क किनारे खोदाई कर भूमिगत केबल बिछाने का कार्य कर रहा है। पहले ही ताकीद कराया गया था कि कार्य स्थल पर पानी की छिड़काव करे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 07:50 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 09:54 AM (IST)
वाराणसी में प्रदूषण फैला रहा IPDS, वाराणसी नगर आयुक्‍त ने दी कार्रवाई की चेतावनी
वाराणसी नगर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नगर आयुक्त ने सख्त कदम उठाया है।

वाराणसी, जेएनएन। नगर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नगर आयुक्त गौरांग राठी ने सख्त कदम उठाया है। उन्होंने आइपीडीएस को नोटिस भेजी है। कमिश्नर आवास के पास बिना उपाय के विकास कार्य हो रहा था। उन्होंने मौका-मुआयना किया तो मनमाने ढंग से सड़क की खोदाई कर कार्य किए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की।

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नगर आयुक्त ने बताया कि आइपीडीएस सड़क किनारे खोदाई कर भूमिगत केबल बिछाने का कार्य कर रहा है। पहले ही ताकीद कराया गया था कि कार्य स्थल पर पानी की छिड़काव करे। मिट्टी का निस्तारण उचित स्थान पर कराए। निर्माण कार्य स्थल को हरे रंग के पर्दे से ढंका जाए लेकिन कंपनी की ओर से कोई भी उपाय नहीं किए गए हैं। नगर आयुक्त के अनुसार नगर निगम प्रशासन की ओर से निर्माण कार्य स्थलों की निगरानी की जा रही है। इसके लिए बकायदा टीम बनाई गई है जो प्रतिदिन रिपोर्ट दे रहे हैं। इसी आधार पर कार्रवाई की जा रही है। बताया कि सड़कों की सफाई नियमित तौर पर कराई जा रही है। यह कार्य मशीन से हो रहा है। इसके अलावा पानी के छिड़काव के लिए स्प्रिंगलर मंगाया गया है जिससे धूल उडऩे वाले स्थलों पर छिड़काव कराया जा रहा है।

लाल सिग्नल पर बंद करें वाहन

नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि नगर निगम प्रशासन की ओर से जागरूक भी किया जा रहा है। चौराहों पर जब ट्रैफिक सिग्नल की लाल लाइट जल रही है तो लोगों से वाहनों को बंद करने की अपील की जा रही है। निर्माणाधीन मकानों का कार्य ढंक कर कराने के लिए भी निर्देशित किया जा रहा है।

शहर में तेजी से बढ़ रहा वायु प्रदूषण

भले ही लाकडाउन में बनारस में वायु प्रदूषण कम हो गया था लेकिन एक बारगी फिर से हालात पहले जैसा होने लगा है। बुधवार को वायु की गुणवत्ता 258 पहुंच गई। वायु की गुणवत्ता यह बताती है कि अब बनारस में वाहनों की रेस लाकडाउन के पहले जैसे हो गई है। वहीं, खोदाई व निमार्णाधीन भवनों से निकलने वाले धूल के कण से शहर में पीएम-2.5 व पीएम-10 की मात्रा भी काफी हो गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो पीएम-2.5 न्यूनतम 82 और अधिकतम 323 दर्ज की गई। हवा में पीएम-10 की न्यूनतम मात्रा 158 जबकि अधिकतम 406 रिकार्ड की गई। देखा जाए तो यह मात्रा औसतन 258 रही। उधर, नगर निगम के सिटी कमांड कंट्रोल की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो अर्दली बाजार में दोपहर में न्यूनतम एक्यूआइ यानि वायु गुणवत्ता 165 दर्ज की गई। मंडुआडीह की न्यूनतम एक्यूआई 104, कैंट रेलवे स्टेशन की 136, चितरंजन पार्क की 137, भेलूपुर की 109, तरना की 102, मलदहिया की 108, सारनाथ की 102 जबकि पड़ाव की 123 रिकार्ड की गई।

बिना पर्दा भवनों का निर्माण

दरअसल, वायु की गुणवत्ता बेहतर करने में वाराणसी विकास प्राधिकरण का भी अहम रोल है। बीते साल वीडीए उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने निमार्णाधीन भवनों पर हरा पर्दा टंगवाकर उड़ती धूल पर रोक लगा दी थी।


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