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वाराणसी-छपरा रेलखंड : रेलवे ट्रैक ठीक होने के 90 घंटे बाद दोबारा धंसा, ठीक करने में जुटे मजदूर

बलिया से बांसडीह रोड स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ पानी का दबाव व दलदली जमीन होने के कारण शुक्रवार को पुन रेलवे ट्रैक धंसने लगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 09:53 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:49 AM (IST)
वाराणसी-छपरा रेलखंड : रेलवे ट्रैक ठीक होने के 90 घंटे बाद दोबारा धंसा, ठीक करने में जुटे मजदूर
वाराणसी-छपरा रेलखंड : रेलवे ट्रैक ठीक होने के 90 घंटे बाद दोबारा धंसा, ठीक करने में जुटे मजदूर

बलिया, जेएनएन। वाराणसी-छपरा रेलखंड पर  रेल परिचालन सेवा शुरू होने के 90 घंटे बाद दोबारा ठप हो गया। बलिया से बांसडीह रोड स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ पानी का दबाव व दलदली जमीन होने के कारण शुक्रवार को पुन: रेलवे ट्रैक धंसने लगा। इसकी खबर लगते ही विभाग में खलबली मच गई। कंट्रोल की सूचना के बाद रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर इस रूट पर चलने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही यात्रा करने वाले यात्रियों में आपाधापी मच गई। पूछताछ काउंटर पर ट्रेनों के बारे में जानने के लिए लोगों की भीड़ लग गई, वही रिर्जवेशन काउंटर पर टिकट वापस करने वाले यात्री एकत्र होने लगे।

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शुक्रवार को दिन में डेढ़ बजे 4008 डाउन सदभावना एक्सप्रेस जैसे ही बांसडीहरोड स्टेशन पार करते हुए बोहा क्षेत्र के प्रभावित ट्रैक पर पंहुची वहां की पटरियों ने जवाब देना शुरू कर दिया। जैसे- तैसे सदभावना उक्त रेलपथ को पार कर बलिया पंहुची। इस दौरान वहां मौके पर मौजूद रेल पथ निरीक्षक व यांत्रिक विभाग के लोगों ने ट्रैक के दोबारा क्षतिग्रस्त होने की सूचना कंट्रोल को दी। इसके बाद इस संवेदनशील मामले की एक- एक मूवमेंट पर निगाह बनाए हुए अधिकारी सक्रिय हुए और तत्काल प्रभाव से परिचालन रोक दिया गया।

बीते रविवार को भी रेलवे ट्रैक की मिट्टी धंसने की शिकायत पर उक्त रेलपथ पर परिचालन रोक दिया गया था। काफी मशक्कत के बाद यांत्रिक विभाग की कई यूनिटों ने मिलकर किसी तरह उक्त रेलपथ को दुरुस्त किया और सोमवार की देर शाम उक्त मार्ग पर काशन के सहारे परिचालन शुरू किया गया। इसके बाद धीरे धीरे कुछ एक गाडिय़ां उक्त मार्ग से गुजरती रहीं लेकिन परिचालन पूर्ण रूप से दुरुस्त नही हो पाया था। इस दौरान भी काफी गाडिय़ां निरस्त अथवा रूट बदलकर चलती रहीं। परिचालन शुरू करने के बाद भी उक्त रेलपथ पर यांत्रिक विभाग के लोग काम पर जुटे रहे और धीरे धीरे पटरियों को दुरुस्त करने की कवायद चलती रही। तीन दिन तक किसी तरह दिन रात एक कर यांत्रिक विभाग परिचालन को पटरी पर लाने की कवायद में जुटा ही था कि अचानक से शुक्रवार को सदभावना एक्सप्रेस ने वहां से गुजरने के साथ यांत्रिक विभाग की सारी मेहनत को वापस उसी स्थान पर लाकर खड़ा कर दिया है।

बड़ी संख्या में पहुंची मजदूरों की टोली

ट्रैक धसने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में रेलवे के कामगार मजदूरों की टोली व यांत्रिक विभाग के अन्य डिवीजन के अधिकारियों को मौके पर पंहुचने के आदेश दे दिए और धीरे धीरे एक बार फिर उक्त रेलवे ट्रैक पर काम की रफ्तार तेज कर दी गई। इस संबंध में वाराणसी पीआरओ महेश गुप्ता ने मोबाइल पर बताया कि जब तक इस क्षेत्र में मौसम साफ नही होगा तब तक परिचालन शुरू करना मुश्किल का काम है। फिलहाल पूरी टीम मरम्मत कार्य में लगी है। डीआरएम बीके पंजियार की भी रात तक मौके पर पहुंचने की उम्मीद है।

इन ट्रेनों के रूट डायवर्ड

रेलवे ट्रैक धंसने के बाद अप व डाउन स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, डाउन कामख्या साप्ताहिक एक्सप्रेस, डाउन पवन एक्सप्रेस, डाउन सारनाथ एक्सप्रेस, अप व डाउन गोदिया एक्सप्रेस, अप पुणे ज्ञान गंगा एक्सप्रेस, अप राजधानी एक्सप्रेस का रूट डायवर्ड कर औडीहार-बेल्थरारोड-छपरा रूट से चलाया जा रहा है। वहीं अप व डाउन उत्सर्ग एक्सप्रेस, अप सारनाथ एक्सप्रेस को रद कर दिया गया है।


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