Varanasi Cantt स्टेशन निदेशक ने प्रसूता को खिलाया घर का खाना, ट्रेन में दिया बच्चे को जन्म
वाराणसी कैंट स्टेशन पर शनिवार को भूख और प्यास से बेहाल प्रसूता व उसके परिजनों को निदेशक आनन्द मोहन सिंह ने घर का भोजन कराया।
वाराणसी, जेएनएन। कैंट स्टेशन पर शनिवार को भूख और प्यास से बेहाल प्रसूता व उसके परिजनों को निदेशक आनन्द मोहन सिंह ने घर का भोजन कराया। चिकित्सकीय सहायता के बाद उन्हें रोडवेज की बस से देवरिया भेज दिया गया। पनवेल- वाराणसी श्रमिक स्पेशल ट्रेन से पहुंची प्रसूता और उसके बच्चे भूख से बिलख रहे थे। महिला ने एक दिन पहले इसी ट्रेन में इटारसी स्टेशन के समीप एक बच्चे को जन्म दिया था।
मुंबई में मजदूर देवरिया निवासी विजय प्रसाद अपनी गर्भवती पत्नी व 4 वर्ष के बच्चे के साथ 14 मई की रात पनवेल से चले थे। इस दौरान स्टेशन पर उन्हें बिस्किट और पानी का बोतल भी दिया गया। इसके बाद रास्ते में किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली। अगले दिन सुबह 10 बजे ट्रेन इटारसी स्टेशन के समीप पहुची। जहां उनकी पत्नी दिव्या देवी (27) को प्रसव पीड़ा होने लगी। ट्रेन के पीछे अंतिम तीसरे कंपार्टमेंट में बैठी दिव्या देवी ने अंदर ही बच्चे को जन्म दे दिया। सीमित संशाधन के चलते बीच रास्ते में उन्हें कही सहायता नहीं मिली। कैंट स्टेशन पहुचने से पहले ही भूख से बेहाल प्रसूता का सब्र जवाब दे गया। इसकी सूचना स्टेशन निदेशक को दी गई। उन्होंने फौरन प्रसूता व उसके परिजनों को घर से पका भोजन कराया। साथ ही मौके पर मौजूद आरपीएफ कॉन्स्टेबल सुमित सिंह व सीएमआई रावत ने चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराया। इसके बाद उन्हें रोडवेज की बस से देवरिया के लिए भेज दिया गया।
.... ताकि भूख से कोई ना हो बेहाल
संकटकाल में मजदूरों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। महानगरों से पलायित श्रमिक व उनके परिजनों को सीमित संशाधन के चलते भूखे प्यासे ही सफर करना पड़ रहा है। पूरी तरह से लॉकडाउन रेलवे में हर स्टेशन पर भोजन व पानी की समुचित व्यवस्था सम्भव नहीं दिख रही। ऐसे में स्टेशन निदेशक आनन्द मोहन सिंह की तरफ से कैंट स्टेशन से गुजरने वाली गाड़ियों में आवश्यकता अनुसार बिस्किट, चॉकलेट व पानी की बोतलें वितरित कराई जा रही है। आनन्द मोहन सिंह ने बताया कि इस कार्य में कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और उनके शुभ चिंतक मदद कर रहे हैं।