बनारस के कलाकारों को एनएसडी में बढ़ेगी हिस्सेदारी, डा. शांतनु घोष ने घाट पर सिखाया 'बिलीव गेम'
काशी के पंचकोट घाट पर अभिनय की बारीकियां सिखाने घाट क्लासेज में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली के प्रोफेसर व प्रख्यात थिएटर आर्टिस्ट शांतनु घोष पहुंचे। डा. शांतनु ने करीब तीन घंटे तक युवा कलाकारों से पसीना बहवाया।
वाराणसी, जेएनएन। काशी के पंचकोट घाट पर अभिनय की बारीकियां सिखाने घाट क्लासेज में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली के प्रोफेसर व प्रख्यात थिएटर आर्टिस्ट शांतनु घोष पहुंचे। डा. शांतनु ने करीब तीन घंटे तक युवा कलाकारों से पसीना बहवाया। इस बीच उन्होंने युवाओं को बिलीव गेम की प्रैक्टिस कराई। इस गेम में आमने - सामने कतारबद्ध होकर खड़े हो गए।
सामने तेजी से चलकर एक कलाकार अपने समक्ष के कलाकार को गोद में उठाकर धीरे से छोड़ दिया। इसमें दोनों कलाकारों के मध्य भरोसा और विश्वास का परीक्षण होता है। इस भरोसे के दम पर कलाकार अपने गोद में भारी से भारी व्यक्ति को भी उठा सकता है। डा. घोष ने बताया कि इस गेम से एक्ट आंखों व शरीर के हावभाव में झलकता है। डा. घोष ने यह भी कहा कि बनारस थिएटर एक्टविटी के मामले में काफी समृद्ध रहा है।
यहां पर एक अलग तरह के नाटक बनारसी व घाट शैली के नाम से शुरू कर सकते हैं। इसे देश-विदेश में काफी लोकप्रियता भी मिलेगी। बनारस के प्रख्यात थिएटर आर्टिस्ट व बनारस एनएसडी के अर्पित सिधोरे के डा. घोष ने कहा कि वह दिल्ली से कार यात्रा कर बनारस आज पहुंचे और क्लास खत्म कर सीधे दिल्ली वापस निकल जाएंगे। वह बनारस में आकर कलाकारों को तैयार करने की बात कहकर भरोसा देते हैं कि अब एमएसडी में क्षेत्रीय कलाकारों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा।