वाराणसी एयरपोर्ट : अंतरराष्ट्रीय होने के बखान पर सवाल उठा रही 11 घंटे की उड़ान, 24 घंटे संचालन के दावे की लचर व्यवस्था ने खोली पोल
लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 80 से ज्यादा विमान और उड़ानें सिर्फ 11 घंटे।
वाराणसी, जेएनएन। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, 80 से ज्यादा विमान और उड़ानें सिर्फ 11 घंटे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 24 घंटे उड़ान के दावों की यही सच्चाई है। उड़ान की राह में रोड़ा बना आइएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) कैटेगरी वन। यह अपग्रेड न होने से घने कोहरे के बीच 24 घंटे उड़ान संभव ही नहीं है। दरअसल, रनवे पर 800 मीटर से कम दृश्यता की स्थिति में विमान के सुरक्षित लैंडिंग में खतरा बना रहता है। ऐसे में एयरलाइंस कंपनियों ने भी अपनी उड़ानों में कटौती करना शुरू कर दिया है। इस बारे में वाराणसी एयरपोर्ट के निदेशक आकाशदीप ने कहा कि भूमि की कमी के कारण एयरपोर्ट पर कई कार्य नहीं हो पा रहे हैं। भूमि अधिग्रहण के लिए पूर्व में रिपोर्ट केंद्रीय मुख्यालय भेजी जा चुकी है। भूमि मिलने पर रन-वे की लंबाई बढ़ाने के साथ आइएलएस को भी अपग्रेड करने का कार्य किया जाएगा।
क्या करता है आइएलएस सिस्टम
आइएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) में कई उपकरण होते हैं। इसकी कई कैटेगरी निर्धारित है। आइएलएस रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए पायलट तक सूचना पहुंचाता है। रन-वे के किनारे उच्च तीव्रता की पापी (प्रिसिशन एप्रोच पाथ इंडिकेटर) लाइट्स लगी होती हैं, जो पायलट को सामने देखने में मदद करती हैं। कम दृश्यता की स्थिति में भी आइएलएस लैंडिंग में मददगार होता है।
सुबह 8.45 से शाम 7.45 बजे तक विमानों का संचालन
इस एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, गोवा, जयपुर, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद, खजुराहो, गया और देहरादून की घरेलू और बैंकॉक, शारजाह, कोलंबो व काठमांडू के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई रूट पर विमान उड़ान भरते हैं। सबसे पहले सुबह 8.45 बजे इंडिगो एयरलाइंस का विमान 6ई98 बैंकाक से वाराणसी पहुंचता है। स्पाइसजेट का विमान एसजी 703 रात 7.45 बजे वाराणसी से मुंबई के लिए उड़ान भरता है। उसके बाद किसी विमान का आगमन एयरपोर्ट के शेड्यूल में नहीं है।
तकनीक से समृद्ध हैं ये हवाई अड्डे
दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, अमृतसर समेत देश के कई हवाई अड्डे आइएलएस कैट थ्री बी प्रणाली से लैस होने के कारण 50 मीटर तक दृश्यता पर विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराते हैं। वाराणसी में कैट वन प्रणाली का आइएलएस ही प्रयोग में लाया जा रहा है।
आइएलएस की श्रेणी और दृश्यता
कैट (कैटेगरी) वन के लिए दृश्यता 800 मीटर
कैट (कैटेगरी) दो के लिए दृश्यता 350 मीटर
कैट (कैटेगरी) थ्री ए के लिए दृश्यता 200 मीटर
कैट (कैटेगरी) थ्री बी के लिए दृश्यता 50 मीटर
कैट (कैटेगरी) थ्री सी के लिए दृश्यता 0 मीटर