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वाराणसी के 62 गांवों को 24 घंटे मिलेगी बिजली, सुधार के लिए 21.56 करोड़ पास; डिस्काम ने जारी किया टेंडर

नगर निगम की सीमा में शामिल हुए नव शहरी गांवों में बिजली सुधार पर 21.56 करोड़ खर्च होंगे। इसके लिए पूर्वांचल-डिस्काम ने मंगलवार को टेंडर जारी कर दिया। पहले चरण में 62 नव शहरी गांवों में 24 घंटे बिजली देने के लिए संसाधन विकसित किए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyPublished: Wed, 29 Mar 2023 12:38 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2023 12:38 PM (IST)
वाराणसी के 62 गांवों को 24 घंटे मिलेगी बिजली, सुधार के लिए 21.56 करोड़ पास; डिस्काम ने जारी किया टेंडर
वाराणसी के 62 गांवों को 24 घंटे मिलेगी बिजली

जागरण संवाददाता, वाराणसी : नगर निगम की सीमा में शामिल हुए नव शहरी गांवों में बिजली सुधार पर 21.56 करोड़ खर्च होंगे। इसके लिए पूर्वांचल-डिस्काम ने मंगलवार को टेंडर जारी कर दिया। पहले चरण में 62 नव शहरी गांवों में 24 घंटे बिजली देने के लिए संसाधन विकसित किए जाएंगे। सबसे ज्यादा सर्किल प्रथम में 11.56 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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पहले चरण में 13 उपकेंद्रों से जुड़े 62 नव शहरी गांव

इस सर्किल के रामनगर, न्यू रामनगर, डाफी उपकेंद्रों से जुड़े गांवों में बिजली सुधार किया जाएगी। सर्किल प्रथम के अधीक्षण अभियंता अनूप सक्सेना के अनुसार रामनगर उपकेंद्र से जुड़े गांवों में 11 केवी की पांच किलोमीटर ओवरहेड लाइन, 15 किलोमीटर एलटी लाइन व 250 केवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इसी तरह न्यू रामनगर उपकेंद्र में 11 केवी की 11 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबिल, 22 किलोमीटर एलटी लाइन व 400 केवीए के चार ट्रांसफार्मर लगेंगे।

शहर की तरह मिलेगी बिजली

डाफी सब-स्टेशन से क्षेत्रों में 12 किलोमीटर 11 केवीए अंडरग्राउंड लाइन, 15 किलोमीटर एलटी लाइन, 250 केवीए के चार ट्रांसफार्मर लगेंगे। यह सभी बिजली सुधार कार्य नगरीय विद्युत वितरण खंड चतुर्थ में होंगे। उधर, सर्किल द्वितीय में 10 करोड़ से 38 नव शहरी गांवों की बिजली पूरी तरह से शहरी हो जाएगी।

लगेंगे नए ट्रांसफार्मर

सर्किल से जुड़े लेढूपुर, शक्तिपीठ, गोइठहां, उदयपुर, बड़ा लालपुर, न्यू लालपुर, काशी, कज्जाकपुरा, तरना व कोइलहवां उपकेंद्रों से जुड़े गांवों में 16 नए ट्रांसफार्मर लगेंगे। 15 किलोमीटर जर्जर एलटी लाइन बदलेगी। 35 किलोमीटर नई एबीसी तार लगेगी। 13 ट्रांसफार्मरों का क्षमता विस्तार किया जाएगा। 250 केवीए के 10 ट्रांसफार्मरों की क्षमता को 400 केवीए किया जाएगा।

22 गांवों को भूल गया विभाग

प्रस्ताव बनाते समय बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। सप्तम खंड से जुड़े करीब 22 नव शहरी गांवों में बिजली सुधार के लिए विभागीय अभियंताओं ने कोई योजना ही नहीं बनाई है जिससे इन गांवों के लोग अपने को ठगा हुआ महसूस करेंगे। शहरी गांव होने के बाद अभी यहां की बिजली ग्रामीण ही रहेगी।

बताया जाता है कि जिस समय प्रस्ताव तैयार किया जा रहा था, उसी समय बिजली विभाग में व्यापक फेरबदल हुआ जिससे इन गांवों का प्रस्ताव नहीं बन सका।

तीन माह में करना है काम

उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन ने इन सभी कार्यों को करने के लिए तीन माह का समय निर्धारित किया है ताकि गांव से शहर बने इन गांवों में तत्काल शहरी बिजली मिल सके। ट्रिपिंग से भी मुक्ति 24 घंटे बिजली आपूर्ति होगी, बार-बार ट्रिपिंग के झंझट से मुक्ति मिलेगी, लो-वोल्टेज की समस्या खत्म होगी। लंबी दूरी तक बांस-बल्ली पर लटकते तारों के जंजाल से मुक्ति मिलेगी।


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