Varanasi डायलिसिस में लापरवाही से गंभीर मरीजों में फैला संक्रमण, 21 मरीज हेपेटाइटिस-सी से हुए संक्रमित
पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में गंभीर मरीजों के साथ लापरवाही की गई। इससे 21 मरीज हेपेटाइटिस-सी से संक्रमित हो गए।
वाराणसी, जेएनएन। पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में गंभीर मरीजों के साथ लापरवाही की गई। इससे 21 मरीज हेपेटाइटिस-सी से संक्रमित हो गए। इसे लेकर अस्पताल में हंगामा भी हुआ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल को नोटिस भेजकर इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने बताया कि संक्रमित मरीजों की फिर से जांच की जाएगी। उन्होंने संक्रमित मरीजों की संख्या स्पष्ट नहीं की मगर मशीनों को विसंक्रमित कर दिए जाने की पुष्टि की।
पांडेयपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में डायलिसिस यूनिट का संचालन एनएचएम के तहत ट्रिपल पी मॉडल में लंका स्थित निजी अस्पताल द्वारा किया जा रहा है। यहां 72 मरीजों की डायलिसिस की जा रही थी। डायलिसिस यूनिट में कुल 14 बेड हैं। इनमें से दो बेड संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित हैैं। डायलिसिस यूनिट में तैनात कर्मचारियों व डाक्टरों ने हेपेटाइटिस-सी से संक्रमित मरीज की डायलिसिस की। उसी बेड पर दूसरे मरीजों की भी डायलिसिस होती रही। नतीजा यह रहा कि 72 में 21 मरीजों में यह संक्रमण फैल गया। दौलतपुर के अर्जुन व भक्तिनगर के सुमित ने बताया कि मरीजों से जांच शुल्क भी अलग से लिया गया। उधर, डायलिसिस यूनिट के डाक्टरों का कहना रहा कि डायलिसिस के दौरान प्रतिरोधी क्षमता कम होने से मरीजों में सीरो निगेटिव-पाजिटिव का कनवर्जन होता रहता है। हेपेटाइटिस-सी सेल्फ लिमिटिंग डिजीज है। ज्यादातर यूनिट में पेशेंट स्टेटस कार्ड टेस्ट से किया जाता है जो आरटीपीसीआर से किया जाना चाहिए।
डॉक्टर के पांच साथी मेडिकल क्वारंटाइन
ट्रामा सेंटर-बीएचयू स्थित एक हॉस्टल के चिकित्सक में कोरोना की पुष्टि होने पर उसके पांच साथियों को मेडिकल क्वारंटाइन कर दिया गया है। वहीं चिकित्सक को आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है। हालांकि अभी हॉस्टल को हॉटस्पाट घोषित नहीं किया गया है। ट्रामा सेंटर पुलिस चौकी प्रभारी श्रीप्रकाश सिंह के मुताबिक हॉस्टल में अधिक संख्या में रेजिडेंट डाक्टर रहते हैं। ऐसे में उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही हॉटस्पाट बनाया जाएगा।