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टीकाकरण ने घटाया ब्लैक फंगस का आंकड़ा, मधुमेह रोगियों को रखनी होगी बहुत अधिक सावधानी

वैश्विक महामारी कोरोना ने दूसरी लहर में जम कर तबाही मचाई थी। कोरोना की लहर थमने के बाद मई के दूसरे सप्ताह में इसका कहर साइड इफेक्ट के रूप में ब्लैक फंगस बनकर मरीजों पर टूट पड़ा था। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में आए करीब 300 मरीज आए थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:40 AM (IST)
टीकाकरण ने घटाया ब्लैक फंगस का आंकड़ा, मधुमेह रोगियों को रखनी होगी बहुत अधिक सावधानी
साइड इफेक्ट के रूप में ब्लैक फंगस बनकर मरीजों पर टूट पड़ा था।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : वैश्विक महामारी कोरोना ने दूसरी लहर में जम कर तबाही मचाई थी। कोरोना की लहर थमने के बाद मई के दूसरे सप्ताह में इसका कहर साइड इफेक्ट के रूप में ब्लैक फंगस बनकर मरीजों पर टूट पड़ा था। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में आए करीब 300 मरीज आए थे, जिसमें से 85 से अधिक मरीजों की मौत हो गई थी। लगभग पौने दो सौ मरीजों का आपरेशन हुआ था, जिसके कारण वे करीब चार माह तक अस्पताल में उपचार कराए। यह बीमारी सबसे अधिक घातक पोस्ट कोविड मधुमेह रोगियों के लिए ही साबित हुई थी। अच्छा यह रहा कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ने के साथ ब्लैक फंगस के केस कम होते गए। अब जो मरीज आ भी रहे, उनकी स्थित गंभीर नहीं है। हालांकि डाक्टर अभी भी मधुमेह रोगियों या कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।

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वास्तव में अप्रैल में कोरोना ने हाहाकार मचाया तो करीब एक माह बाद मई के दूसरे सप्ताह में बीएचयू में ब्लैक फंगस के मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। उस समय एक दिन में तीन से पांच तक नए मरीज यहां आ रहे थे। यह समस्या उनमें आई जो कोरोना के कारण अधिक मात्रा में स्टेरायड, रेमडेसिविर इंजेक्शन, अत्यधिक आक्सीजन पर रहने या अधिक दिन तक वेंटिलेटर पर रहे थे। कोरोना मई के दूसरे सप्ताह से ही कोरोना के मामले कम होने शुरू हो गए और जून तक स्थिति काफी हद तक सुधर गई। इसका नतीजा एक माह बाद जुलाई से दिखने लगा है, क्योंकि अब ब्लैक फंगस के भी मरीज भी बहुत कम आ रहे हैं।

100 फीसद शुगर से पीड़ित वाले ही ब्लैक फंगस के मरीज हुए थे

95 फीसद ब्लैक फंगस के वे मरीज थे जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था

05 फीसद वे मरीज थे जो पीड़ित होने के कुछ दिन के अंदर ही टीका लगवाया था

295 से अधिक मरीज आए थे बीएचयू के एसएस अस्पताल में

153 से अधिक मरीजों का हुआ था आपरेशन

100 से अधिक मरीजों का हुआ था दुबारा या तिबारा आपरेशन

85 मरीजों की हो चुकी है मौत


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