यूपीपीसीएल के नाम पर प्रदेश भर में फर्जी वेबसाइट से चल रहा है नियुक्ति का खेल
यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड) के नाम एवं लोगों का इस्तेमाल कर फजी्रवाड़ा किया जा रहा था। इस खुलासे के बाद जालसाजों में हड़कंप मच गया।
वाराणसी, जेएनएन। यूपीपीसीएल (उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड) के नाम एवं लोगों का इस्तेमाल कर वेबसाइट के माध्यम से एक कंपनी द्वारा नियुक्ति का खेल चल रहा है। कंपनी द्वारा हर अभ्यर्थियों से 602 रुपये लिया जा रहा है। इस मामले में वाराणसी के लंका एवं लखनऊ के गोमती नगर थाने में शिवहरि इंफ्राटेक कंपनी के खिलाफ शिकायत की गई है। कंपनी ने अपने कवर पेज पर सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश पावर 'कारपोरेशन' लिमिटेड का नाम एवं लोगो का उपयोग किया है।
इसके बाद अंग्रेजी में 'पहले आओ- पहले पाओ' का स्लोगन खिला गया है। इसके बीच में वॉक-इन-इंटरव्यू भी लिखा गया है। कंपनी ने इसमें दो पदों का जिक्र किया है। इसमें अस्थायी संविदा सेवा प्रदाता के माध्यम से चपरासी/ हेल्पर/ अकुशल के लिए 8976 रुपये एवं टेक्नीशियन/ कुशल पद के लिए 11 हजार रुपये (लगभग) देने का वादा किया है। इसके लिए 12 अप्रैल से ही रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया, जिसकी अंतिम तिथि 23 अप्रैल रखी गई है। इसके शिकार लगातार लोग हो रहे हैं। इसके तहत महमूरगंज निवासी कृष्णा कांत ओझा ने भी फार्म भरा। इससे पहले भी कई लोग आवेदन कर चुके हैं। जरूरी नहीं की नौकरी मिल ही जाएगी इस संबंध में उपभोक्ता संरक्षण उत्थान समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने लंका थाने एवं समिति के उपाध्यक्ष अविजित आनंद ने गोमती नगर थाने में शिवहरि इंफ्राटेक कंपनी के खिलाफ तहरीर दी है।
आरोप लगा है कि जब कंपनी की वेब साइट पर सबसे पहले नाम एवं पता भरने के तुरंत बाद 602 रुपये शुल्क जमा कराया जा रहा है। इसके बाद लिखकर आ रहा है कि यह राशि रिफंडेबल नहीं है। साथ ही यह भी शर्त दर्शाया जा हा है कि फार्म भरने का मतलब यह नहीं है कि नौकरी मिल ही जाएगी। यहां के लिए नौकरी दिलाने का दावा कंपनी ने माध्यांचल वि. वि. नि. लि. के बदांयू, बाराबंकी, शाहजहांपुर व सुल्तानपुर में नौकरी दिलाने का दावा किया है। इसके अलावा पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से जुड़े देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया एवं फतेहपुर जिले का जिक्र किया गया है।
बोले अधिकारी : कोई भी निजी कंपनी यूपीसीसीएल का लोगो या इसके नाम का उपयोग नहीं कर सकती है। यह पूरी तरह गलत है। अगर कंपनी आवेदकों से शुल्क ले रही है तो यह भी गलत है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। - राकेश सिन्हा, प्रवक्ता पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लि. वाराणसी