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महिला के लिए रिजर्व हुई पंचायत सीट तो संकल्प तोड़ बिना शुभ मुहूर्त रचाई शादी, जानें- यूपी का यह दिलचस्प मामला

Uttar Pradesh Panchayat Elections ग्राम प्रधान बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पंचायत सीट महिला के लिए आरक्षित घोषित हो जाने के बाद शादी कर ली। यह मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के करन छपरा गांव का है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 12:13 PM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 04:39 PM (IST)
महिला के लिए रिजर्व हुई पंचायत सीट तो संकल्प तोड़ बिना शुभ मुहूर्त रचाई शादी, जानें- यूपी का यह दिलचस्प मामला
पंचायत सीट महिला के लिए रिजर्व हुई तो बलिया के हाथी सिंह ने बिना शुभ मुहूर्त आननफानन कर शादी ली।

बलिया, जेएनएन। Uttar Pradesh Panchayat Elections: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के बाद से कई रोचक किस्से भी सामने आने लगे हैं। इस चुनाव में आरक्षण ने कई दिग्गज प्रत्याशियों को चुनाव से पहले ही पटखनी दे दी है। बहुतों की लंबे समय की समाजसेवा भी व्यर्थ गई, लेकिन बलिया के विकासखंड मुरलीछपरा के ग्राम पंचायत शिवपुर कर्ण छपरा एक प्रत्याशी ऐसे हैं जिनको आरक्षण भी मात नहीं दे पाया। लगभग एक दशक तक समाज सेवा करने के बाद ग्राम प्रधान बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए 45 वर्षीय हाथी सिंह ने अपनी पंचायत सीट महिला के लिए आरक्षित घोषित हो जाने के बाद शादी कर ली।

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बलिया जिले के करन छपरा गांव के निवासी हाथी सिंह ने वर्ष 2015 में प्रधानी चुनाव लड़ा और वह उपविजेता रहे। हाथी सिंह जिस सीट से इस बार जीत की उम्मीद लगाए थे, वह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित घोषित कर दी गई है। इस कारण उनके निर्वाचित होने की उम्मीद भी टूट गई। इस पर उनके समर्थकों ने सुझाव दिया कि वह शादी कर लें तो उनकी पत्नी चुनाव लड़ सकती हैं।

हाथी सिंह ने इस सुझाव पर अमल करते हुए आखिरकार 26 मार्च को गांव के धर्मनाथजी मंदिर में शादी कर ली। दिलचस्प बात यह है कि इस विवाह को 'खर-मास' के दौरान किया गया, जो हिंदू परंपराओं के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को नामांकन से पहले शादी करनी थी। इसलिए आननफानन शादी का आयोजन किया गया। उनकी दुल्हन अभी स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही है और अब ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

26 मार्च को शादी रचाने के बाद अब शवपुर कर्ण छपरा पंचायत में चुनावी मैदान पूरी तरह सज चुका है। हाथी सिंह ने कहा कि वह पिछले पांच सालों से प्रधानी चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उनके समर्थक भी प्रचार में पूरी तरह जुटे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में कभी शादी नहीं करने का फैसला किया था, लेकिन मेरे समर्थकों के कारण वह फैसला बदलना पड़ा। मेरी मां 80 साल की हैं और वह चुनाव नहीं लड़ सकती थीं। इस कारण भी शादी करने का फैसला लिया। अब निर्णय समाज के हाथ में है।


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