यूपी बोर्ड : हाईस्कूल व इंटर में भी लागू हो सेमेस्टर प्रणाली, एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने राज्यपाल को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री योगी नई शिक्षा नीति की खूब तारीफ कर रहे हैं। इसके बावजूद इसे लागू करने में लेटलतीफी की जा रही है। वास्तव में नई शिक्षा नीति एक नया विजन है। इसके तहत यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में भी सेमेस्टर प्रणाली की व्यवस्था लागू करने का निर्देश है।
वाराणसी, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नई शिक्षा नीति की खूब तारीफ कर रहे हैं। इसके बावजूद इसे लागू करने में लेटलतीफी की जा रही है। वास्तव में नई शिक्षा नीति एक नया विजन है। इसके तहत यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में भी सेमेस्टर प्रणाली की व्यवस्था लागू करने का निर्देश है। इसमें वर्ष में दो बार परीक्षाएं व सपुस्तकीय परीक्षा प्रणाली सहित अन्य प्रावधान शामिल हैं। निश्चित रूप से नई शिक्षा नीति के लागू हो जाने से छात्र तनाव-मुक्त होंगे। यह कहना है विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) शतरुद्र प्रकाश का। उन्होंने सूबे में नई शिक्षा नीति अविलंब लागू करने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है।
एमएलसी ने राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पत्र में कहा है कि पद्मविभूषण के. कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय कमेटी ने दिसंबर 2018 में नई शिक्षा नीति का प्रारूप तत्कालीन मानव संसाधन व विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर को सौंपा था। यह प्रारूप सभी राज्यों को विचार करने के लिए प्रेषित किया गया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई 2020 को इसे मंजूरी दे दी। इसके बावजूद आधा सत्र बीत जाने के बाद भी सूबे में अब तक इसका क्रियान्वयन नहीं किया जा सका है। मौजूदा तोता-रटंत प्रणाली व कोचिंग को बढ़ावा देने वाली शिक्षा पद्धति से छात्रों का नुकसान हो रहा है। इससे परीक्षार्थियों की प्रतिभा और बुद्धि का सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा। विद्यार्थी परीक्षा को लेकर तनाव में रहते हैं। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं वर्तमान सत्र से ही नई शिक्षा नीति के अनुरूप कराई जाएं। नई शिक्षा नीति के अनुरूप विज्ञान, कला व वाणिज्य का विभाजन खत्म किया जाए। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण की पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर विद्याॢथयों को स्वकेंद्र की सुविधा प्रदान की जाए। इससे छात्रों व शिक्षकों के बीच अविश्वास की भावना खत्म हो सकेगी। परीक्षाएं सिर्फ सपुस्तकीय हों। उन्होंने परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग करने का सुझाव दिया है।