हाईस्कूल में वाराणसी व इंटर में सोनभद्र शीर्ष, जानिए पूर्वांचल के दस जिलों में रैंकिंग की स्थिति
UP Board Result 2020 इस वर्ष पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में रैंकिंग गिरावट आई है। पूर्वांचल के दस जिलों में हाईस्कूल में वाराणसी व इंटर में सोनभद्र शीर्ष पर है।
वाराणसी, जेएनएन। UP Board Result 2020 यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के टॉप-टेन की मेरिट आजमगढ़ पूर्वांचल की साख बचाने में कामयाब रहा। राम स्वरूप मेमोरियल इंटर कालेज (बुढऩपुर) के रिषभ सिंह हाईस्कूल में 94.50 अंक हासिल कर सूबे में सूबे में छठा व पूर्वांचल में पहला स्थान मिला है। उन्हें 600 में 567 अंक मिले हैं वहीं जिलावार रिजल्ट नजर डाले तो इस वर्ष पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में रैंकिंग गिरावट आई है। पूर्वांचल के दस जिलों में हाईस्कूल में वाराणसी व इंटर में सोनभद्र शीर्ष पर है।
सूबे के जनपदवार रैकिंग में वाराणसी हाईस्कूल में 28वें व सोनभद्र इंटर में 25वें स्थान पर है। जब कि वर्ष 2019 में हाईस्कूल में वाराणसी 29वें स्थान पर था। वहीं इंटर में सोनभद्र 40वें स्थान पर रहा। इस प्रकार इस वर्ष पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है।
हाईस्कूल में वाराणसी का रिजल्ट 85.72 फीसद रहा है। जबकि गत वर्ष वाराणसी में हाईस्कूल का रिजल्ट 80.95 फीसद थी। वहीं सोनभद्र का इंटर में इस वर्ष रिजल्ट 82.24 फीसद रहा। जबकि गत वर्ष सोनभद्र में इंटर का रिजल्ट 70.37 फीसद थी। इस प्रकार पूर्वांचल के विभिन्न जिलों की रैंकिंग का ग्राफ बढ़ा है। वहीं कई जिलों में गत वर्ष की तुलना में रिजल्ट का प्रतिशत गिरा भी है इसके बावजूद सूबे टॉप-तीन में स्थान बनाने में पूर्वांचल के जिले सफल नहीं हुए हैं।
पूर्वांचल के दस जिलों में वर्ष 2019 व 2020 में पास होने वाले परीक्षार्थियों का प्रतिशत इस प्रकार है। वहीं कोष्ठ में उनकी रैंकिंग का उल्लेख किया गया गया है।
पूर्वांचल के जिलों में हाईस्कूल का परिणाम
जिला 2019 2020
गाजीपुर 82.69(29) 76.56(69)
वाराणसी 80.95(39) 85.72(28)
आजमगढ़ 79.49(47) 83.53(42)
मऊ 76.54(57) 79.02(64)
भदोही 75.29(63) 82.42(47)
बलिया 74.13(66) 75.67 (72)
जौनपुर 69.22(72) 76.64(68)
चंदौली 68.79(73) 73.45(75)
सोनभद्र 67.97(74) 76.38(70)
मीरजापुर 67.64(75) 74.84 (74)
पूर्वांचल के जिलों में इंटरमीडिएट का परिणाम
जिला 2019 2020
वाराणसी 75.77(29) 77.93(42)
सोनभद्र 70.37(40) 82.24(25)
आजमगढ़ 69.55(47) 68.59(66)
गाजीपुर 69.46(48) 56.43(74)
बलिया 61.10(62) 57.57(73)
मऊ 61.46(64) 61.76(70)
मीरजापुर 58.79(68) 71.72 (60)
भदोही 57.14(69) 72.90 (56)
जौनपुर 55.08(71) 71.62(61)
चंदौली 51.58(74) 69.02(64)
सूबे के टापर से महज 23 पीछे रहे धीरज
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस वर्ष बागपत शीर्ष पर रहा। हाईस्कूल में बागपत की रिया जैन (580/600) 97.67 फीसद अंक हासिल कर सूबे में अव्वल रहीं। वहीं जनपद में अव्वल रहे धीरज पटेल (557/600) 92.83 फीसद अंक मिले हैं। इस प्रकार सूबे के टापर धीरज महज 23 अंकों से पीछे रह गए हैं। वह अंकों की उड़ान में 3.84 फीसद पीछे रह गए। इसी प्रकार इंटर में भी बागपत के अनुराग मलिक (425/500) 97 फीसद अंक हासिल कर सूबे में शीर्ष पर हैं। वहीं इंटर में जनपद के शीर्ष रहे अक्षय कुमार (439/500) 87.80 फीसद अंक मिला है। वह सूबे के टापर के रेस में 46 अंक से पीछे छूट गए। उन्हें 9.2 फीसद कम अंक मिले हैं।
कोविड-19 संग दाखिले की चिंता
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट शनिवार को घोषित हो गया। इंटर में 37694 परीक्षार्थी सफल हुए हैं। वहीं सीबीएसई व सीआइएएससीई की दसवीं व 12वीं का रिजल्ट जुलाई में जारी होने की संभावना है। ऐसे में इंटर पास करने वाले छात्रों की संख्या इस वर्ष जनपद करीब 60 से 65 हजार होने की उम्मीद है। ऐसे में छात्रों को कोविड-19 के संग अब दाखिले की भी चिंता सता रही है।
कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए ज्यादातर अभिभावक इस बार अपने बच्चों को नगर से बाहर पढऩे के लिए भेजना नहीं चाहते हैं। दूसरी ओर नगर में नामी-गिरामी उच्च शैक्षिक संस्थानों की बेहद कमी है। बीएचयू से लगायत विभिन्न संस्थाओं में स्नातक में करीब 33500 सीटें निर्धारित हैं। छात्रों की तुलना में पिछले राजकीय व अनुदानित कालेज की संख्या सीमित है। ऐसे में ज्यादातर छात्रों के पास निजी कालेजों में ही दाखिले का विकल्प है।
आंतरिक मूल्यांकन से अंकों की उड़ान
माध्यमिक शिक्षा परिषद की दसवीं व12वीं का रिजल्ट इस वर्ष भी अच्छा रहा। हाईस्कूल में आतंरिक मूल्यांकन के तहत नंबर देने में गुरुजी ने कोई कंजूसी नहीं की। लिहाजा हाईस्कूल के कई परीक्षाॢथयों को मैथ व साइंस में शतप्रतिशत अंक मिले हैं। वहीं इंटर के पे्रक्टिकल की परीक्षा में अध्यापकों ने ज्यादातर परीक्षाॢथयों को को शत प्रतिशत अंक दिया है। आतंरिक मूल्यांकन व प्रेक्टिकल में छात्रों को कामयाबी की ओर पहुंचाने में काफी सहायक सिद्ध हुए।
हाईस्कूल में प्रत्येक विषय में 30 अंक प्रोजेक्ट वर्क शामिल है। लिखित परीक्षा अब 70 अंक के होते हैं। प्रोजेक्ट वर्क का अंक स्कूलों की झोली में होते हैं। जिले की टापर्स के अंक को देख ले या अन्य को तो आतंरिक मूल्यांकन व प्रेक्टिकल में अधिकतर छात्रों को शत प्रतिशत अंक मिले हैं। कटौती भी की गई तो मामूली यानी किसी को 30 में 30 या 25 अंक दिए गए हैं। यह अंक बच्चों के प्रतिशत बढ़ाने में खासा लाभदायक साबित हुए। कंप्यूटर विषय में भी छात्रों को खूब अंक दिए गए है।
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क पर अंक दिए जाते हैं। बच्चे जब अच्छा कर रहे हैं तो उन्हेंं हम अपनी ओर से कम अंक क्यों दे। वहीं शिक्षकों का एक धड़ा इससे पूरी तरह सहमत नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों में प्रोजेक्ट वर्क पर बहुत जोर नहीं दिया जाता है लेकिन बच्चों को अंक मनमाने ढंग से दिया जाता है।