UP Board : सीसी टीवी कैमरे में निगरानी में होगी प्रायोगिक परीक्षा, वाराणसी व मीरजापुर मंडल में 1308 परीक्षक नियुक्त
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू हो गईं हैं। वाराणसी मंडल में प्रायोगिक परीक्षाएं 13 फरवरी से 22 फरवरी तक होंगी। इंटर की प्रायोगिक परीक्षा के लिए बोर्ड ने वाराणसी व मीरजापुर मंडल में 1308 परीक्षक नियुक्त किया है।
वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू हो गईं हैं। वाराणसी मंडल में प्रायोगिक परीक्षाएं 13 फरवरी से 22 फरवरी तक होंगी। इंटर की प्रायोगिक परीक्षा के लिए बोर्ड ने वाराणसी व मीरजापुर मंडल में 1308 परीक्षक नियुक्त किया है। सीसी कैमरा की निगरानी में प्रायोगिक परीक्षा कराने का निर्देश दिया गया है।
क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय में क्षेत्रीय अपर सचिव सतीश सिंह ने बताया कि इंटरमीडिएट में पचास फीसद आंतरिक परीक्षक व पचास फीसद वाह्य परीक्षक मूल्यांकन करेंगे। वहीं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए भी प्रायोगिक परीक्षा का केंद्र बनाया जाएगा। उन्हीं केंद्रों पर व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी। कहा कि प्रायोगिक परीक्षा की रिकार्डिंग भी विद्यालयों को सुरक्षित रखनी होगी ताकि बोर्ड द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध कराया जा सके। दूसरी ओर जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीपी सिंह ने बताया कि प्रायोगिक परीक्षा के लिए बोर्ड ने सीधे परीक्षकों को निर्देश दिया है। परीक्षक निर्धारित तिथि पर प्रायोगिक परीक्षा कराएंगे। फिलहाल पहले दिन किसी विद्यालय में प्रायोगिक परीक्षा होने की सूचना नहीं है।
देर शाम तक हुआ विद्यालयों का आवंटन
अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत 63 शिक्षकों का तबादला जनपद में हुआ था। वहीं बीएसए कार्यालय मेंं विद्यालय आवंटन शुक्रवार को देरशाम तक चलता है। हालांकि इन शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया था। इसके बावजूद विद्यालय आवंटित नहीं किए गए थे। विद्यालय आवंटन के लिए शिक्षकों को तीन दिनों से लगातार बीएसए कार्यालय बुलाया जा रहा है। किन्हीं न किन्हीं कारण से आवंटन स्थगित कर दिया जा रहा था। इस क्रम शुक्रवार को शाम पांच बजे से विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई। बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि लखनऊ से सूची देर शाम मिलने के कारण काउंसिलिंग विलंब से हुआ। कहा शिक्षकों को परिषदीय विद्यालयों का आवंटन सीधे लखनऊ से होना था। हालांकि आनलाइन विकल्प चयन करने का शिक्षकों को मौका दिया गया।