यूपी बोर्ड : कोरोना संक्रमण के कारण अब वाराणसी में छह से ज्यादा परीक्षा केंद्र बढ़ने की संभावना
यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए जनपद में 124 केंद्रों की सूची जारी की है। इस पर 157 विद्यालयों ने आपत्ति दर्ज कराई है। इन आपत्तियों का अब नए सिरे से परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद बोर्ड को संस्तुति की जाएगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए जनपद में 124 केंद्रों की सूची जारी की है। इस पर 157 विद्यालयों ने आपत्ति दर्ज कराई है। इन आपत्तियों का अब नए सिरे से परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद बोर्ड को संस्तुति की जाएगी। वहीं कोरोना महामारी को देखते हुए जनपद में करीब आधा दर्जन केंद्र बढऩे की भी संभावना है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को डीएम के कैंप कार्यालय में जिला समिति की बैठक हुई। इसमें विद्यालयों द्वारा दर्ज आपत्तियों व एसडीएम की रिपोर्ट पर विचार किया गया है। जिला समिति कई विद्यालयों की आपत्ति को सही मानते हुए केंद्र बदलने के लिए बोर्ड को संस्तुति करने का निर्णय लिया। दरअसल ग्रामीण क्षेत्र के कई विद्यालयों का केंद्र नगर के विद्यालयों में कर दिया गया है। इस पर विद्यालयों ने आपत्ति भी जताई है। डीएम ने मानक के तहत दस किलोमीटर के दायरे में ही परीक्षार्थियों को केंद्र आवंटित करने का निर्देश दिया। हालांकि उन्होंने सभी आपत्तियों व एसडीएम की रिपोर्ट का एक बार फिर तुलनात्मक परीक्षण करते हुए रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है ताकि इसके आधार पर केंद्र की सूची संशोधित करने के लिए बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जा सके। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विनोद कुमार राय सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
नौ साल की डिग्री डीजी लाकर में अपलोड : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों को अब उपाधियों के लिए विश्वविद्यालय की दौड़ नहीं लगानी होगी। विद्यापीठ ने वर्ष 2012 से 2020 तक (नौ साल)की डिग्री डीजी लाकर में अपलोड कर दी है। विश्वविद्यालय महाविद्यालयों के विद्यार्थी अब नैड (नेशनल एकाडमिक डिपाजिटर) पोर्टल से डिग्री डाउनलोड कर सकते हैं। काशी विद्यापीठ में ज्यादातर विद्यार्थियों नैड आइडी पहले से ही बनी हुई है। दो साल पहले विद्यापीठ ने परीक्षा फार्म भरने के लिए नैड आइडी अनिवार्य कर दिया। ऐसे में डीजी लाकर अपलोड उपाधि का लाभ विद्यार्थियों को मिलना तय है। हालांकि राज्यपाल/कुलाधिपति ने दीक्षा समारोह के बाद सभी विश्वविद्यालयों को उपाधियां पंजीकृत डाक से विद्यार्थियों के स्थायी पते पर भेजने का निर्देश दिया है। वहीं विद्यापीठ के उपाधि शुल्क के पेच में विद्यापीठ अब तक विद्यार्थियों के स्थायी पते पर उपाधि नहीं भेज सका है। हालांकि अब स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड के छात्रों से परीक्षा शुल्क के साथ उपाधि शुल्क भी जमा कराने का निर्णय लिया है। वहीं कुलाधिपति के निर्देश पर काशी विद्यापीठ ने पिछले छह माह मेें रिकार्ड उपाधियां तैयार कराया है। अब से डीजी लाकर में भी अपलोड किया जा रहा है।