UP board : सख्ती के चलते वाराणसी परिक्षेत्र में घटे 135788 परीक्षार्थी, वेबकास्टिंग का भी असर
यूपी बोर्ड की 18 फरवरी से शुरू होने वाली हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में वाराणसी परिक्षेत्र में 135788 परीक्षार्थी कम हुए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड की 18 फरवरी से शुरू होने वाली हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में वाराणसी परिक्षेत्र में 1525370 परीक्षार्थी शामिल होंगे। वहीं, वर्ष 2019 में परिक्षेत्र के 15 जिलों में दोनों कक्षाओं की परीक्षा में 1661158 परीक्षार्थी थे। इस वर्ष परिक्षेत्र में 135788 परीक्षार्थी कम हुए हैं। इसमें हाईस्कूल के 50918 व इंटरमीडिएट के 82870 परीक्षार्थी हैं।
ऑनलाइन आवेदन व परीक्षा के दौरान सख्ती के चलते शिक्षा माफियाओं पर नकेल कसता जा रहा है। माफिया पहले एक परीक्षार्थी के दो विद्यालयों से परीक्षा फार्म भरवा देते थे। साथ ही सांठ-गांठ वाले केंद्रों पर ही परीक्षार्थियों को परीक्षा देने की सुविधा होती थी। परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। साफ्टवेयर की मदद से बोर्ड ऐसे परीक्षार्थियों को आसानी से चिह्नित कर ले रहा है। यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय अपर सचिव सतीश सिंह ने बताया कि सीसी कैमरे की निगरानी में परीक्षा होने के कारण नकल माफियाओं पर काफी हद तक अंकुश लगा है। वहीं इस बार परीक्षा की वेबकास्टिंग का भी काफी असर दिखेगा। इन्हीं कारणों से दूसरे राज्यों के परीक्षार्थियों में भी कमी आई है।
परिक्षेत्र में जनपदवार परीक्षार्थी
जनपद 10वीं 12वीं
सुल्तानपुर 45081 35703
फैजाबाद 45516 38188
बाराबंकी 41510 31606
अंबेडकर नगर 44691 34980
अमेठी 27427 19920
आजमगढ़ 106469 86722
मऊ 50023 43147
बलिया 81932 77371
जौनपुर 98883 85045
गाजीपुर 92140 84829
वाराणसी 57684 51682
चंदौली 38253 32244
भदोही 30106 24372
मीरजापुर 42452 31257
सोनभद्र 28318 17819
योग 830485 694885
परीक्षा के एक दिन पहले तक हुआ संशोधन
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर में कई छात्रों ने ने रजिस्टे्रशन व परीक्षा फार्म में अलग-अलग विषय भर दिया था। बोर्ड ने इन छात्रों को रजिस्टे्रशन कराने वाले विषय ही आवंटित कर दिया था। इसे लेकर विभिन्न विद्यालयों के करीब 50 से अधिक परीक्षार्थी परेशान थे। छात्रहित को देखते हुए बोर्ड ने परीक्षा से एक दिन पहले संबंधित परीक्षार्थियों के विषय संशोधित कर दिए।
रजिस्ट्रेशन व परीक्षा फार्म भरने में परीक्षार्थियों ने ही चूक की थी। इसके बावजूद छात्रहित में बोर्ड ने संशोधन कर दिया। डीआइओएस डा. वीपी सिंह का कहना है कि परीक्षार्थियों के विवरण में संशोधन के लिए बोर्ड ने तीसरी बार वेबसाइट खोल दी है। इसके पीछे बोर्ड की मंशा त्रुटिरहित परीक्षार्थियों को अंकपत्र जारी करना है।