एमएलसी के नाम पर चाचा ने दी धमकी, वाराणसी में चिरईगांव ब्लाक की अध्यापिका निलंबित
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वाराणसी ने एमएलसी के नाम पर अपने चाचा बीईओ को फोन से धमकी दिलाने के आरोप में सहायक अध्यापिका निलंबित कर दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने एमएलसी के नाम पर अपने चाचा बीईओ को फोन से धमकी दिलाने के आरोप में मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय (कमौली- चिरईगांव ब्लाक) की सहायक अध्यापिका अर्चना कुमारी निलंबित कर दिया है। फिलहाल उन्हें चोलापुर ब्लाक से संबद्ध कर दिया गया है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए सेवापुरी के खंड शिक्षा अधिकारी डीपी सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। बड़ागांव ब्लाक के बीइओ रमाकांत ङ्क्षसह व आराजीनाइन के बीईओ स्कंद गुप्त समिति के सदस्य बनाए गए हैं। समिति से 15 दिनों भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
बगैर सूचना के गैर हाजिर होने के कारण अर्चना कुमारी का जून व जुलाई माह का वेतन रोक दिया गया था। आरोप है कि अवरूद्ध वेतन जारी कराने केे लिए अध्यापिका ने सैदपुर गाजीपुर में शिक्षक पद पर तैनात चाचा से चिरईगांव के बीईओ से फोन करवाया। यही नहीं विधान सभा परिषद सदस्य (एमएलसी) के नाम पर फर्जी फोन के माध्यम से बीइओ को धमकी भी दी गई। वहीं संबंधित एमएलसी ने इस तरह का कोई फोन करने से इंकार किया। एमएलसी के नाम पर फर्जी फोन कराने की पुष्टि होने के बाद बीएसए ने अर्चना कुमारी के खिलाफ कार्रवाई की है। यही नहीं धमकी देने वाले उससे चाचा के खिलापऊ निलंबन की कार्रवाई के लिए गाजीपुर केे बीएसए को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया है। साथ ही इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।
परीक्षा के लिए लगानी होगी 600 किमी की दौड़
संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा नौ अगस्त को दो पालियों में होगी। जनपद में 39177 परीक्षार्थियों के लिए 86 केंद्र बनाए गए है। परीक्षा आयोजक संस्था लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रवेशपत्र वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। वहीं प्रवेश पत्र डाउनलोड करने वाले कुछ अभ्यर्थियों की शिकायत है कि उन्हें गृह जनपद से 600 किमी दूर केंद्र आवंटित कर दिया गया है। उनका दावा है कि उन्होंने विकल्प के तौर पर वाराणसी भरा था। इसके बावजूद परीक्षा आयोजक संस्था ने महोबा राजकीय कालेज आवंटित कर दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कोविड-19 के इस प्रकोप मेे सैकड़ों किमी दूर परीक्षा केंद्र आवंटित करना समझ से परे हैं।