चौंकिए नहीं! यह बनारस का उलूक महोत्सव है, जहां फ्लैट में विराजे उलूक महाराज तो हुआ कोटर पूजन
उलूक महोत्सव नगर की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था शनिवार गोष्ठी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होता है।
वाराणसी, जेएनएन। उलूक महोत्सव नगर की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था शनिवार गोष्ठी द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले बनारसी अल्हड़ मिजाजी और मस्ती का प्रतीक उलूक महोत्सव इस वर्ष 16 नवंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा। लक्सा स्थित मारवाड़ी युवक संघ में शाम सात बजे से होना सुनिश्चित हुआ है। इसी कड़ी में बुधवार को कोटर पूजन का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम वहां मौजूद वृक्षों में कोटर की तलाश की गई। रंग-रोगन के बाद विधिवत उलूक देव का गृह प्रवेश हुआ।
लूक दिखाकर व सूप पीट कर उलूक की आरती की गई। यह विधान इस प्रार्थना के साथ किया गया कि आगामी महोत्सव तक आप अपने इसी फ्लैट में विराजिए। इसके बाद हुए काव्यपाठ विजय बुद्धिहीन, कुणाल, कौशल पांडेय, शिरीष उमंग, सुषम जौनपुरी, अमित साहू आदि रचनाकारों ने काव्यपाठ किया। इस अवसर पर श्यामलाल यादव, डॉ. रमेशदत्त पांडेय, नंदकुमार टोपीवाले, विवेक सिंह एडवोकेट, आदि उपस्थित थे। इस मौके पर हुई पत्रकार वार्ता में संस्था के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान, सचिव सुदामा तिवारी साड़ बनारसी और मीडिया प्रभारी दमदार बनारसी ने बताया कि इस बार उलूक महोत्सव का 19वां वर्ष है।
स्व. धर्मशील चतुर्वेदी व सांड़ बनारसी ने मिल कर यह अनूठा आयोजन शुरू किया था। उद्देश्य था जनता में जागरूकता आए। अमेरिका में उल्लू को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा प्राप्त है। यह किसानों का मित्र माना जाता है। इसके बावजूद हमारे देश में कोई भी बेवकूफाना हरकत पर किसी व्यक्ति को उल्लू की संज्ञा दे देता है। हमारी इसी उल्लू बनने की प्रवृत्ति को देखते हुए हर पांच साल पर नेतागण इसका भरपूर फायदा उठाते है। अत: उल्लू को ही अपन कुल देवता मानते हुए हम यह अनूठा आयोजन आमजन के लिए परोसते हैं। जहां देश भर से हास्य कवियों का जमावड़ा होता है।