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छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में बनारस व गाजीपुर के दो बेटे शहीद, जवानों के घर मातम

नक्सली विस्फोट में बनारस के बड़ागांव के बसनी दल्लूपुर निवासी छत्तीसगढ़ आम्र्ड फोर्स (सीएएफ) के जवान रविनाथ सिंह पटेल (23) व (गाजीपुर) के बरईपारा गांव के अर्जुन राजभर (35) शहीद हो गए।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 09:27 AM (IST)
छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में बनारस व गाजीपुर के दो बेटे शहीद, जवानों के घर मातम
छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में बनारस व गाजीपुर के दो बेटे शहीद, जवानों के घर मातम

वाराणसी (जेएनएन)। पूर्वांचल के शहीदों के हार में दो और नगीने जुड़ गए। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में रविवार को हुए नक्सली विस्फोट में बनारस के बड़ागांव के बसनी दल्लूपुर निवासी छत्तीसगढ़ आम्र्ड फोर्स (सीएएफ) के जवान रविनाथ सिंह पटेल (23) व शादियाबाद (गाजीपुर) थानाक्षेत्र के बरईपारा गांव के अर्जुन राजभर (35) शहीद हो गए। यह खबर सुनते ही शहीदों के गांव में मातम छा गया।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नक्सली हमले में शहीद हुए जवान अर्जुन राजभर और रविनाथ सिंह पटेल को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने जवानों के परिवारीजन के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने देश के ऐसे वीर सपूतों की शहादत को नमन करते हुए कहा कि उनके बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।

शहीद रवि के परिवार में दोपहर को फोन कॉल आई। सबसे छोटी बहन को सीएफ के अफसरों ने बताया कि उनका भाई शहीद हो गया है। यह सुनते ही वह सदमे में आ गई। कुछ देर रोने के बाद उसने बूढ़े मां-बाप को इस बारे में बताना चाहा लेकिन, कहीं अनहोनी न हो जाए, इसके डर से बस इतना बताया कि भाई का एक्सीडेंट हो गया है। सोमवार को उसे गांव लाया जा रहा है।

पिता सत्य प्रकाश पटेल व मां अनीता को शक हुआ कि बेटी क्यों रो रही है, हालांकि पूछने पर उसने समझा लिया। सोमवार को जब शहीद का शव गांव आएगा तो किस तरह बूढ़े मां-बाप को संभाला जाएगा, यह शायद परिवारवालों को भी नहीं पता। शहीद रवि दो भाई व एक बहन में दूसरे नंबर के थे। वर्ष 2013 में वह सेना में भर्ती हुए थे। अभी उनकी शादी नहीं हुई थी। दो माह पहले ही गांव आए रवि मई के अंत में भी गांव आने वाले थे।

उधर, अर्जुन राजभर के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके पिता बलिराम राजभर व माता रमावती देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घरवालों को अर्जुन का पार्थिव शरीर घर आने का इंतजार है। अर्जुन राजभर पांच भाइयों में चौथे नंबर पर थे। शेष चारो भाई मुंबई में रहकर फूल-माला का कारोबार करते हैं। उनकी एक बहन भी है जिसका विवाह हो चुका है। नक्सलियों के विस्फोट में छह जवान शहीद हुए, जबकि अर्जुन गंभीर रूप से घायल हो गए।

बाद में इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई। इसकी सूचना पहले मुंबई में रह रहे भाइयों को मिली, फिर उन्होंने घर फोन कर माता-पिता को सूचना दी। अर्जुन अभी पिछले 20 अप्रैल को 15 दिन की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गए थे। इस बार वह अपने परिवार को भी साथ ले गए थे। परिवार में पत्नी सुनीता देवी के साथ तीन बच्चे कविता (12), अभय (10) व अजय (8) हैं।  


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