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आरक्षी भर्ती घोटाले में साल्वर गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार, सिपाही के साथ मिलकर चार अभ्यर्थियों को पास कराने का लिया था ठेका

पुलिस भर्ती में साल्वर गैंग के दो आरोपितों को कैंट पुलिस ने पुलिस लाइन तिराहे से गिरफ्तार कर लिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 11:42 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 02:08 PM (IST)
आरक्षी भर्ती घोटाले में साल्वर गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार, सिपाही के साथ मिलकर चार अभ्यर्थियों को पास कराने का लिया था ठेका
आरक्षी भर्ती घोटाले में साल्वर गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार, सिपाही के साथ मिलकर चार अभ्यर्थियों को पास कराने का लिया था ठेका

वाराणसी, जेएनएन। पुलिस भर्ती में साल्वर गैंग के दो आरोपितों को कैंट पुलिस ने पुलिस लाइन तिराहे से गिरफ्तार कर लिया। अभ्यर्थी बलिया के सिकंदरपुर के शंकर यादव और साल्वर गैंग का सदस्य बिहार के सिवान का विवेक कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक विवेक यादव फर्जी तरीके से ऑनलाइन परीक्षा में पास कराता था। विवेक ने शंकर की परीक्षा पास कराई थी। यहां शंकर को बायोमेट्रिक में पास कराने के लिए साथ आया था। शंकर की ओर से लाए गए डेढ़ लाख रुपये टीसीएस कंपनी के कर्मचारी प्रदीप कुमार भारद्वाज को दिया जाना था। पुलिस ने दोनों पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। प्रदीप पहले ही जेल जा चुका है। पूछताछ में विवेक ने बताया कि महाराजगंज में तैनात बलिया के सिकंदरपुर थाने के लिकार गांव के सिपाही अमित यादव का नाम गैंग में आया। उसके साथ मिलकर चार अभ्यर्थियों को भर्ती कराने का सौदा तय था। इनकी परीक्षा पटना में पढऩे वाले मुन्नी, फूल्लन और राजेश से पास कराई गई। एक अभ्यर्थी शंकर, दूसरा हरिओम है। हरिओम के बारे में अमित यादव है। शंकर व दो अन्य की परीक्षा गोरखपुर और हरिओम की परीक्षा वाराणसी में कराई गई। विवेक ने 15 दिसंबर को फोन कर 17 दिसंबर को पुलिस लाइन में शंकर यादव से मिलकर बायोमैट्रिक सत्यापन कराने के लिए कहा था।

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हाई सेक्योरिटी बैरक के निरीक्षण से जेल में खलबली

जिला जज उमेश कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और एसएसपी प्रभाकर चौधरी केंद्रीय कारागार पहुंचे। अधिकारियों के अचानक जेल में पहुंचने से खलबली मच गई। सभी देर शाम सीधे केंद्रीय कारागार के हाई सेक्योरिटी बैरक पहुंच गए। वहां की व्यवस्था की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने एक अन्य बैरक और चिकित्सालय का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने जेल में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था रखने का निर्देश दिया। मिलने वालों की जानकारी रखी जाए। नियमों के अनुसार मिलान किया जाए। जेल प्रशासन से कहा कि किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।


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