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वाराणसी के दीनापुर एसटीपी से क्लोरीन गैस रिसाव की जांच के लिए गठित हुई दो सदस्यीय कमेटी

वाराणसी दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में गैस रिसाव की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है जो 26 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 01:15 AM (IST)
वाराणसी के दीनापुर एसटीपी से क्लोरीन गैस रिसाव की जांच के लिए गठित हुई दो सदस्यीय कमेटी
वाराणसी के दीनापुर एसटीपी से क्लोरीन गैस रिसाव की जांच के लिए गठित हुई दो सदस्यीय कमेटी

वाराणसी, जेएनएन। दीनापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में गैस रिसाव की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है, जो 26 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। शनिवार रात क्लोरीन गैस रिसाव के कारण आस-पास के क्षेत्र में लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी थी। इसके चलते आसपास के गांवों में हड़कंप मच गया था। वहीं, इस लापरवाही से ग्रामीणों आक्रोश है। ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर करते हुए जलनिगम के अभियंताओं को व्यवस्था में सुधार लाने को की मांग की है। तीन घंटे की मशक्कत के बाद रिसाव रोका जा सका था।

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क्लोरीन गैस रिसाव का कारण जानने के लिए जल निगम के मुख्य अभियंता एके पुरवार रविवार को दीनापुर एसटीपी पहुंचे। बताया कि क्लोरीन गैस रिसाव की जांच के लिए अधीक्षण अभियंता सप्तम मंडल के आरके बंसल और अधीक्षण अभियंता यांत्रिक एसके जैन की टीम गठित की गई है। टीम को जांच रिपोर्ट 26 अगस्त तक प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने पर ही गैस रिसाव का कारण स्पष्ट हो सकेगा। वहीं अधिशासी अभियंता विवेक सिंह के बताया कि 80 एमएलडी एसटीपी दीनापुर में नवनिर्मित क्लोरीनेशन यूनिट की अभी टेस्टिंग चल रही है। टेस्टिंग कार्यदायी संस्था किर्लोस्कर ब्रदर्स के लोग ही कर रहे थे। टेङ्क्षस्टग के समय ही बीते शनिवार को गैस रिसाव हुआ था।

अप्रशिक्षित कर्मी की लापरवाही बनी कारण

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की तरफ से संचालित 80 एमएलडी एसटीपी दीनापुर में हुए क्लोरीन गैस रिसाव का कारण जिम्मेदार अधिकारी भले ही नहीं बता रहे हो, लेकिन सूत्रों की माने तो बीते शनिवार की दोपहर में ही टेस्टिंग हुई थी। उसके बाद क्लोरिनेशन यूनिट संचालन के लिए ऐसे अप्रशिक्षित कर्मचारी को लगा दिया गया, जिसे उसके बारे में ठीक से पता ही नहीं था। एक साथ चार क्लोरीन गैस सिलेंडरों के वाल्व खोल दिया गया, जिससे प्रेशर अधिक हो गया और पाइपलाइन को जोडऩे के लिए लगे प्लैंच से क्लोरीन गैस का रिसाव शुरू हो गया।

मनोज ने दिया साहस का परिचय

वा-बाग कंपनी द्वारा संचालित 140 एमएलडी एसटीपी के क्लोरिनेशन यूनिट में काम करने वाले मनोज कुमार ने क्लोरीन गैस रिसाव रोकने में अहम रोल अदा किया। सतर्कता के साथ साहस का परिचय देते हुए उन्होंने कई बार के प्रयासों के बाद तीन घंटे से हो रहे क्लोरीन गैस रिसाव रोकने के लिए सिलेंडरों का वाल्व बंद किया। तब जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। मगर इसके बाद उसका नाम तक लेना जलनिगम के अधिकारियों ने उचित नहीं समझा। मनोज के सहयोग में प्रशांत भी लगा रहा। उसके गले में खराश होने लगी थी, मगर उसने हार नहीं मानी।

गैस के संपर्क में आने से झुलसीं पत्तियां

एसटीपी दीनापुर में क्लोरीन गैस रिसाव का असर आसपास के पेड़-पौधों पर भी साफ देखा जा सकता है। सागौन के पेड़ों की पत्तियों का रंग गैस के प्रभाव से काला-पीला हो गया है।आस-पास लगे छोटे सजावटी पौधे व वनस्पतियों की मुलायम पत्तियां भी झुलस गयी हैं। गड्ढ़ों में जमा बारिश का पानी भी गैस के संपर्क में आने से रंगीन हो गया।

गैस रिसाव की सूचना पर छोड़ा घर

एसटीपी दीनापुर में क्लोरीन गैस का रिसाव बंद नहीं होने की सूचना मिलते ही आसपास के लोग अपने घरों को छोड़ कुछ दूर चले गए। जब उन्हें गैस रिसाव बंद होने की खबर मिली तो रात में वापस लौटे। सलारपुर निवासी बलदाऊ मौर्य ने बताया कि रात्रि आठ बजे के आसपास आंख में जलन होने लगी थी। पता चला कि प्लांट में गैस का रिसाव हो रहा है। परिवार के साथ भाई के गांव वाले मकान पर चले गए और रिसाव बंद होने पर वापस आ लौटे। रघुनाथपुर के शंकर गुप्ता ने बताया कि वे घर के बाहर बैठे थे कि एकाएक सांस लेने में जलन का एहसास होने लगा। इसी बीच गैस रिसाव का पता चला तो परिवार के साथ सलारपुर पोखरे के पास पुराने मकान पर चले गए। रघुनाथपुर के ही पंचम जायसवाल भी अपने साढ़ू के घर रसूलगढ़ चले गए थे और गैस रिसाव बंद होने पर रात 11 बजे वापस लौटे। इसी तरह कई और लोग अपनी सुरक्षा के लिए नजदीक के रिश्तेदारों के यहां चले गए। वहीं प्लांट के पूरब दिशा के ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें गैस की गंध भी नहीं मिली थी।


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