नबी-ए-करीम से मोहब्बत रखने वाला नहीं हो सकता दहशतगर्द
वाराणसी : बेनियाबाग के मैदान में मरकजी सीरत कमेटी की ओर से दो दिवसीय जश्ने ईद मिलादुन्नबी ज
वाराणसी : बेनियाबाग के मैदान में मरकजी सीरत कमेटी की ओर से दो दिवसीय जश्ने ईद मिलादुन्नबी जलसा शुक्त्रवार देर रात शुरू हुआ। पहले दिन जलसे का आगाज कारी जफरुल ओला ने तिलावते कलामपाक से किया। तकरीर करते हुए बिहार के मौलाना सैयद आरिफ इकबाल मिस्बाही ने नबी की मोहब्बत को ईमान का हिस्सा बताया। कहा अल्लाह ने नबी-ए-करीम को सारी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा। उनके बताए रास्ते पर चलकर दुनिया में अमन-चैन कायम किया जा सकता है। वहीं गाजीपुर के मुफ्ती शाह मुहम्मद अमीरुद्दीन चिश्ती मिसबाही ने कहा कि नबी-ए-करीम ने कभी भी किसी को भी बद्दुआ नहीं दी। जिन लोगों ने उन्हें लगातार तेरह वर्ष तक सताया उनको भी नबी-ए-करीम ने माफ कर दिया था। नबी की जिंदगी और सीरत सारी दुनिया के लिए मिसाल है। इसलिए जिसके दिल में नबी की मोहब्बत कायम है वो दहशतगर्द कतई नहीं हो सकता। मुसलमान विशेष तौर पर युवा नबी के दिखाए रास्ते पर चलते हुए सामाजिक सौहार्द्र कायम रखें। युवा किसी के बहकावे में आकर आपसी मेल-जोल दाव पर लगाने की गलती हरगिज न करें। जलसे में सादिक बनारसी, इरफान कादरी, अहमद हनीफी आदि ने नातिया कलामों का नजराना पेश कर शमा नूरानी बना दिया। तकरीर सुनने के लिए जलसे में आयोजकों ने महिलाओं के लिए अलग प्रबंध किए थे। अध्यक्षता मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी, स्वागत राना अनवर व संचालन अनवर जलालपुरी ने किया। इस अवसर पर परवेज खान, राशिद अनवर, तनवीर खान, अफसर अली, बाबू भाई, साजिद गुड्डू, दानिश, राहील, मुहम्मद उस्मान, मौलाना फैजानुल्लाह, गुड्डू राईन आदि उपस्थित रहे।