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आइसीसी महिला टी-20 विश्व कप : भारतीय टीम में पहुंची जौनपुर की दो बेटियां, शिखा पांडेय व राधा यादव का चयन

आइसीसी महिला टी-20 विश्व कप के लिए घोषित टीम में जौनपुर की बेटियां चयनित हुई हैं। शिखा पांडेय चंदवक के मचहटी तो राधा यादव मडिय़ाहूं के अजोसी गांव से ताल्लुक रखती हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 08:13 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 09:45 AM (IST)
आइसीसी महिला टी-20 विश्व कप : भारतीय टीम में पहुंची जौनपुर की दो बेटियां, शिखा पांडेय व राधा यादव का चयन
आइसीसी महिला टी-20 विश्व कप : भारतीय टीम में पहुंची जौनपुर की दो बेटियां, शिखा पांडेय व राधा यादव का चयन

जौनपुर, जेएनएन। आइसीसी महिला टी-20 विश्व कप के लिए घोषित टीम में जौनपुर की बेटियां चयनित हुई हैं। शिखा पांडेय चंदवक के मचहटी तो राधा यादव मडिय़ाहूं के अजोसी गांव से ताल्लुक रखती हैं। यह दोनों खिलाड़ी 31 जनवरी से आस्ट्रेलिया में शुरू होने वाली त्रिकोणीय सीरीज में भी जलवा बिखरेंगी। चयन होने की जानकारी मिलते ही दोनों के गांवों में जश्न का माहौल है। सोशल मीडिया पर बधाई देेने के साथ ही लोग जीत की कामना कर रहे हैं।

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क्रांतिकारियों व विद्वानों की धरती डोभी के मचहटी गांव निवासी सुबाष पांडेय की होनहार बेटी शिखा पांडेय ने क्रिकेट में ऐसा धमाल मचाया कि उसका कैंपस सलेक्शन हो गया। इसके बाद कई देशों के दौरे हुए, पिछले विश्वकप में मिताली सेना में आल राउंडर के रूप में परचम लहराया। इधर लंबे अंतराल के बाद उनका चयन हुआ है। हरमनप्रीत कौर की टीम में शामिल 18 वर्षीय राधा यादव ने 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। बीस वर्षीय इस हरफनमौला खिलाड़ी ने अपने पिता ओम प्रकाश यादव के साथ मुंबई में रहती है। हाईस्कूल की परीक्षा उसने बांकी गांव के स्थित केएन सिंह इंटर कालेज से किया। क्रिकेट में इतना व्यस्त हुई कि इंटर की पढ़ाई छोडऩा पड़ा। जागरण से बातचीत के दौरान राधा के पिता ने बताया कि परिवार की आजीविका चलाने के लिए मैं मुंबई आ गया। यहां कांदिवली में सचिन तेंदुलकर स्टेडियम के सामने मैं पान, बीड़ी व साग-भाजी का दुकान कर परिवार चला रहा हूं।

बताया कि दो बेटे दीपक व राहुल और दो बेटियां सोनी व राधा हुईं। राधा सबसे छोटी थी। पांच वर्ष के उम्र में ही वह बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू कर दी। लोग आकर शिकायत करते कि वह लड़कों के साथ खेल रही है। कड़े बाल से चोट लग जाएगी, लेकिन मैंने मना नहीं किया।  वह पहले महाराष्ट्र से खेलना शुरू की और फिर बड़ोदरा से वह खेलना शुरू किया। राधा यादव दो साल वह मुंबई क्रिकेट टीम में और बाद में तीन साल तक वह बड़ोदरा की टीम की कैप्टन रही। राधा ने कोच प्रफुल्ल नायक से प्रशिक्षण लिया है।

बेटी की उपलब्धि का श्रेय प्रफुल्ल सर को

जागरण से बात करते हुए राधा के पिता ने कहा कि मेरी बेटी ने क्रिकेट में अभी तक जो भी उपलब्धि प्राप्त की है, उसका श्रेय कोच प्रफुल्ल सर को जाता है। उन्होंने मेरी बेटी को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रैक्टिस जमकर कराया। उनसे प्रेरणा मिली। उन्हीं की बदौलत मैं आज यहां तक पहुंची हूं।


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