विंध्य पर्वत पर रोप-वे से होगी त्रिकोण परिक्रमा, जारी किया गया 14 करोड़ का बजट
विंध्याचल पर्वत पर अब रोप-वे के केबिन में बैठ दर्शनार्थियों की त्रिकोण परिक्रमा पूरी हो सकेगी, इसके साथ दर्शनार्थी विंध्य क्षेत्र की छटा भी निहार सकेंगे।
मीरजापुर [सतीश रघुवंशी] । विंध्याचल पर्वत पर अब रोप-वे के केबिन में बैठकर दर्शनार्थियों की त्रिकोण परिक्रमा पूरी हो सकेगी। इसके साथ ही दर्शनार्थी विंध्य क्षेत्र की अनुपम छटा भी निहार सकेंगे। श्रद्धालुओं को चैत्र नवरात्र से रोप-वे की सुविधा मिलने जा रही है। दो वर्षों से ठप पड़े रोप-वे का काम एक बार फिर से गति पकडऩे वाला है। इसके लिए शासन द्वारा 14 करोड़ का बजट भी अवमुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही दर्शनार्थी अष्टभुजा तालाब में बोटिंग के साथ ही पार्क में हरियाली का आनंद उठा सकेंगे।
मां विंध्यवासिनी धाम में वर्ष में दो बार शारदीय और चैत्र नवरात्र में मां के दर्शन-पूजन करने के लिए दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु प्रति वर्ष पहुंचते हैं। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2014 से मीरजापुर के विंध्याचल स्थित अष्टभुजा पहाड़ी और कालीखोह पहाड़ी से रोप-वे का निर्माण कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पूर्णत: आटोमैटिक रोप-वे का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर तैयार कराया जा रहा है। रोप-वे का निर्माण होने से वृद्धजनों और असहाय व्यक्तियों को अष्टभुजा और कालीखोह पहाड़ पर लगभग 130-130 सीढ़ी चढ़कर नहीं जाना होगा। सहायक पर्यटन अधिकारी बृजेश यादव ने बताया कि इसके साथ ही पार्क और थीम पार्क की भी सुविधा दर्शनार्थियों को मिलेगी। चैत्र नवरात्र मेले से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता को रोप-वे की सौगात दे सकते हैं।
ग्लोरियस कंपनी रोप-वे का कराएगी निर्माण : पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर दिल्ली की ग्लोरियस इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रोप-वे का निर्माण करा रही है।
एक केबिन में बैठ सकेंगे छह लोग : रोप वे में छह केबिन लगाए जाने की संभावना है। इसमें तीन केबिन आने और तीन केबिन जाने के लिए होंगे। एक केबिन में एक बार में छह दर्शनार्थी यात्रा कर सकेंगे।