कार्पोरेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस का 110 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रायल, हरी झंडी का इंतजार
देश की तीसरी और वाराणसी से जाने वाली पहली कार्पोरेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस का शुक्रवार को ट्रायल हुआ।
वाराणसी, जेएनएन। देश की तीसरी और वाराणसी से जाने वाली पहली कार्पोरेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस का शुक्रवार को ट्रायल हुआ। नार्दन रेलवे के लखनऊ मंडल के तकनीकी विशेषज्ञों ने परखा। डीआरएम उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल संजय त्रिपाठी ने शाम 6.15 बजे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। नौ एसी, दो एसएलआर व एक पैंट्रीकार के साथ 12 कोचेज वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस को अधिकारियों की देखरेख में वाराणसी-प्रतापगढ़ रूट के जंघई स्टेशन तक ले जाया गया।
The train journey from #Indore to #Varanasi is all set to become more comfortable. Travel on #IRCTC operated #KashiMahakalExpress. Running thrice a week, it will cover #Lucknow #Prayagraj #Ujjain & more. Info soon on https://t.co/e14vjdPrzt" rel="nofollow#IRCTCOfficial #RailConnectApp — IRCTC (@IRCTCofficial) February 15, 2020
वाराणसी से जंघई तक के 75 किमी की दूरी को तय करने में ट्रायल ट्रेन को 45 मिनट का समय लगा। आइआरसीटीसी के अधिकारियों के मुताबिक जंघई रूट पर 130 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से ट्रेन को दौड़ाया जा सकता है। इसलिए इस रूट पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस का 110 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रायल किया गया। आइआरसीटीसी के सीआरएम ने बताया कि काशी-महाकाल ट्रेन का ट्रायल रन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया गया। ट्रायल में सब कुछ ठीक पाया गया।
16 फरवरी को उद्घाटन के लिए ट्रेन पूरी तरह से तैयार है। जंघई स्टेशन पर ट्रायल ट्रेन के पहुंंचते ही प्लेटफार्म नंबर एक पर आइआरसीटीसी के सीआरएम अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने फूड स्टॉल की चेकिंग की। जांच में वहां रेल नीर के बदले लोकल कंपनी का बोतल बंद पानी बिकता मिला। इस पर वहां स्थित 50 पेटी लोकल कंपनी के पानी की बोतलों को जब्त कर लिया गया। फूड स्टॉल संचालक पर कार्रवाई का आदेश दिया गया।