बीएचयू में अब वैक्स थेरेपी से घुटने के दर्द का इलाज, कटिवस्ती से एडवांस है यह विधि
घुटने के दर्द से परेशान मरीज अब बीएचयू में पंचकर्म के कटिवस्ती के साथ ही वैक्स थेरेपी भी ले सकेंगे। यह विधि न सिर्फ परंपरागत थेरेपी से एडवांस वरन सस्ती व आसान भी है।
वाराणसी, [मुहम्मद रईस]। घुटने के दर्द से परेशान मरीज अब बीएचयू में पंचकर्म के कटिवस्ती के साथ ही वैक्स थेरेपी भी ले सकेंगे। यह विधि न सिर्फ परंपरागत थेरेपी से एडवांस वरन सस्ती व आसान भी है।
बीएचयू स्थित काय चिकित्सा विभाग में एक माह पूर्व यह विधि प्रक्रिया के तौर पर शुरू की गई थी। अब इसे मरीजों के लिए शुरू करने की तैयारी है। इस विधि में पैराफिन वैक्स को पिघलाने के बाद विशेष प्रकार का कपड़ा भिंगो कर घुटने या दर्द वाले स्थान पर पट्टी की तरह लपेट दिया जाता है। शरीर पर मोम लगाने के बाद यह त्वचा पर खोल बना लेता है जो आसपास की कोशिकाओं को राहत देने के साथ गर्माहट भी पैदा करता है। करीब आधे घंटे तक इसका तापमान एक समान बना रहता है। वहीं कटिवस्ती में शरीर के हर अंग के लिए अलग-अलग सांचा बनाया जाता है। इसमें बार-बार ऑयल गर्म कर डालना पड़ता है। वैक्स थेरेपी अर्थराइटिस, फाइब्रोमायल्जिया और मसल्स पेन के लिए अत्यंत लाभकारी है।
थकान होती है दूर
- पैराफिन का प्रयोग थकावट की स्थिति में हाथ-पांव व शरीर को आराम देने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग ब्यूटी ट्रीटमेंट व मेडिकल राहत दोनों तरह से किया जा सकता है। इस पेट्रोलियम बेस्ड उत्पाद से त्वचा की ऊपरी सतह हाइड्रेड और कोमल होती है। यह त्वचा का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। साथ ही पोर्स को खोलकर उनमें हाइड्रेटेड तत्वों को अंदर जाने का रास्ता भी बनाता है।
यह विधि पंचकर्म के कटिवस्ती से एडवांस थेरेपी है। इसमें प्रयुक्त वैक्स बेकार नहीं जाती, बल्कि पूर्णता हाइजेनिक होने के नाते इसका कई बार प्रयोग किया जा सकता है।
- प्रो. ओपी सिंह, विभागाध्यक्ष, काय चिकित्सा ।
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