वाराणसी में बनेगा मॉडल 'ट्रांसजेंडर टॉयलेट', कमच्छा में पुराने सार्वजनिक शौचालय को दिया जाएगा नया रूप
नगर निगम वाराणसी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ट्रांसजेंडर टॉयलेट निर्माण की योजना बना ली है।
वाराणसी, जेएनएन। ट्रांसजेंडरों को थर्ड जेंडर का दर्जा मिला है। अब देश में उनके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट भी बनने लगे हैं। इसके साथ ही नगर निगम वाराणसी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 'ट्रांसजेंडर टॉयलेट' निर्माण की योजना बना ली है।
ऐसा हुआ तो संभवत: यह प्रदेश का पहला नगर निगम होगा जिसमें 'ट्रांसजेंडर टॉयलेट' की सुविधा में मिलेगी। इसमें किन्नरों के लिए मेकअप और चेंजिंग रूम भी रहेगा। सर्वसुविधायुक्त इस ट्रांसजेंडर शौचालय में महिलाओं और फिजिकली चैलेंज महिलाओं लिए भी सुविधा होगी। नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी ने इस दिशा में मंथन शुरू कर दिया है। कमच्छा इलाके में एक पुराने सार्वजनिक शौचालय की मरम्मत कर 'ट्रांसजेंडर टॉयलेट' बनाने की योजना बनाई जा रही है। इस शौचालय के वर्तमान हालात की रिपोर्ट तैयार कर मरम्मत के लिए अनुमानित बजट का आकलन कर कार्य शुरू कराया जाएगा।
उम्मीद है कि एक से दो माह के अंदर योजना को मूर्तरूप दिया जा सकेगा। ऐसे शौचालय मध्यप्रदेश के भोपाल व इंदौर शहर में पहले से स्थापित है। भोपाल के महापौर ने तीन साल पहले अप्रैल 2014 में ट्रांसजेंडर शौचालय बनाने की घोषणा की थी। भोपाल नगर निगम ने पुराने भोपाल के मंगलवारा क्षेत्र में इसे बना दिया है। स्मार्ट सिटी होने के साथ ही शहर के कई लोगों ने ऐसे शौचालयों को लेकर सुझाव दिए हैं जिसके सापेक्ष नगर निगम ने मंथन शुरू किया है।