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160 किमी की रफ्तार से दिल्ली हावड़ा रूट पर दौड़ेंगी ट्रेनें, सरकार ने गति बढ़ाने की दी मंजूरी

सरकार ने 2022-23 तक दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस कार्य पर 6685 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 08:53 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 08:45 AM (IST)
160 किमी की रफ्तार से दिल्ली हावड़ा रूट पर दौड़ेंगी ट्रेनें, सरकार ने गति बढ़ाने की दी मंजूरी
160 किमी की रफ्तार से दिल्ली हावड़ा रूट पर दौड़ेंगी ट्रेनें, सरकार ने गति बढ़ाने की दी मंजूरी

मीरजापुर, जेएनएन। सरकार ने 2022-23 तक दिल्ली-हावड़ा मार्ग (कानपुर, लखनऊ सहित) पर ट्रेनों की गति बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस कार्य पर 6,685 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे सुधरी हुई गति, सेवा, सुरक्षा और क्षमता सृजन सुनिश्चित होगा। मिशन रफ्तार के हिस्से के रूप में भारतीय रेल अपने पूरे नेटवर्क में रेलगाडिय़ों की औसत गति सुधारने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है। दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर गति बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने से पैसेंजर गाडिय़ों की औसत गति 60 प्रतिशत तक बढऩी सुनिश्चित होगी और माल यातायात गाड़ी की औसत गति दोगुनी होगी।

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यह जानकारी उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने देते हुए बताया कि एक हजार 525 किमी लंबे दिल्ली-हावड़ा मार्ग पांच राज्यों-दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल से गुजरता है। नई दिल्ली और हावड़ा के बीच यात्रा समय में पांच घंटे की कमी आएगी और यह यात्रा पूरी रात की ही होगी। दिल्ली-हावड़ा मार्ग की अधिकतम गति बढ़ाने से वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी-हाई स्पीड की गाडिय़ों को गति मिलेगी। इससे ऐसी ट्रेनों को अपनी क्षमता का पूरा लाभ उठाने और 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने की अनुमति होगी और यह सुनिश्चित होगा की गति और सेवा की दृष्टि से यात्रियों को लाभ मिले। इसके अतिरिक्त यह पाया गया है कि इस गति के लिए सुरक्षित एलएचबी कोच बनाए जा सकेंगे।

परियोजना कार्यों में घेराबंदी, स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (ईटीसीएस-2/ पीपीडब्ल्यूएस), मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्यूनिकेशन तथा स्वचालित और मशीनी निदानकारी प्रणाली शामिल है। जिससे सुरक्षा और विश्वसनीयता में वृद्धि होगी। इसमें सभी लेवल क्रॉग को हटाना पड़ेगा। यह काम अलग योजना मद में किया जा रहा है। बताया कि संपूर्ण परियोजना नए दृष्टिकोण की बनी है जिसमें मार्ग के अनुसार संयुक्त कार्य होंगे और इसे एकल एजेंसी पूरा करेगी। इसका वित्त पोषण अतिरिक्त बजटीय संसाधनों-संसागत वित्त (ईआरबी-आइएफ) से किया जाएगा। बेहतर वित्त पोषण, बेहतर समन्वय, अत्याधुनिक टेक्नॉलोजी के उपयोग से यह परियोजना मंजूरी की तिथि से चार वर्षों में पूरी होगी। लाइन पर कार्य इस तरह किया जाएगा कि यातायात में कम से कम बाधा आए और निर्माण कार्य के दौरान यात्रियों तथा व्यवसाय पर कम से कम असर हो।

लोगों को मिलेगा रोजगार

परियोजना से निर्माण के दौरान रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा। 3.6 मानव दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इससे सभी राज्यों के आर्थिक विकास में गुणात्मक वृद्धि होगी। इससे इस मार्ग पर प्रवाह क्षमता 30-35 प्रतिशत बढ़ेगी और भविष्य में पीपीपी मॉडल के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। मिशन रफ्तार के हिस्से के रूप में सरकार ने दिल्ली-मुंबई मार्ग के लिए भी इसी तरह की मंजूरी दी है। दिल्ली-मुंबई मार्ग और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्री यातायात 29 प्रतिशत और माल यातायात 30 प्रतिशत है। भारतीय रेल के संपूर्ण चतुर्भुज और कोणीय परियोजना पूरी करने का काम हो रहा है। इसमें भारतीय रेल नेटवर्क का 16 प्रतिशत हिस्सा है लेकिन परियोजना में कुल यात्री यातायात का 52 प्रतिशत और माल यातायात का 58 प्रतिशत है। इस कार्य के निष्पादन में एनसीआर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इलाहाबाद मंडल गाजियाबाद और पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच दिल्ली-हावड़ा मार्ग के 53 फीसद हिस्से को कवर करता है।

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