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50 हजार रोजगार देने को तैयार टूरिज्म कारोबार, प्रशासनिक सहयोग की अधिक दरकार Varanasi news

टूरिज्म की बात वाराणसी को शामिल किए बिना पूरी करना संभव नहीं है। यहा के टूरिज्म उद्योग में कितना दम है इसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।

By Edited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 01:29 AM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 11:04 AM (IST)
50 हजार रोजगार देने को तैयार टूरिज्म कारोबार, प्रशासनिक सहयोग की अधिक दरकार Varanasi news
50 हजार रोजगार देने को तैयार टूरिज्म कारोबार, प्रशासनिक सहयोग की अधिक दरकार Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। टूरिज्म की बात वाराणसी को शामिल किए बिना पूरी करना संभव नहीं है। यहा के टूरिज्म उद्योग में कितना दम है, इसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग आर्थिक मंदी में भी 50 हजार रोजगार सृजित करने का दम भर रहे हैं। हालाकि, कारोबारियों ने बुझे मन से स्वीकारा भी कि हाल के महीनों में यह कारोबार घटा है। हालांकि, सरकार ध्यान दे तो वाराणसी पर्यटन के शीर्ष पर पहुंच सकता है। उनका इशारा ट्रैफिक कनेक्टिविटी की टूटती डोर, होटलों की कमी व शहर के आस-पास में पर्यटन संभावनाओं वाले डेस्टिनेशन को विकसित न करने की ओर रहा..।

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- 500 करोड़ का पर्यटन उद्योग यूं तो वाराणसी में देखने, समझने को इतना कुछ है कि पर्यटकों के लिए एक सप्ताह भी कम पड़ जाए। पर्यटन से जुड़े लोगों के अनुसार बनारस में यह उद्योग 500 करोड़ का है। विदेशी हों या देसी पर्यटक, वे अधिकतम एक सप्ताह का टूर बनाते हैं। सफर को ऐसे फ्रेम में फिट करते हैं कि घूमने की मुराद पूरी हो जाए। इसमें ट्रैवल कंपनियों की मदद लेते हैं। यहीं हमारी काशी कमजोर पड़ जाती है।

- दिल्ली की कंपनियों का जोर टूरिस्ट ट्रायंगल पर दिल्ली की अधिकाश कंपनियां गोल्डेन ट्रायंगल पर जोर देती हैं। कम खर्च में वे बेहतरीन सैर कराने का भरोसा देकर दिल्ली, आगरा, जयपुर का टूर करा देती हैं। पर्यटक ने और घूमने की इच्छा जताई तो राजस्थान भेज देते हैं। सैलानियों की इच्छा पर वाराणसी भेजते हैं। यह कहना ठीक रहेगा कि पर्यटकों को काशी की संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत ही खींचकर ला रही है।

- सुनियोजित प्रयास से बढ़ेगा उद्योग काशी में पर्यटन उद्योग के फलने-फूलने की असीम संभावना है। लेकिन हम इसे सुनियोजित विकास के बगैर आगे नहीं ले सकते। क्योंकि टूरिज्म को जाने-अनजाने में कई कारक बर्बाद भी करते जा रहे हैं। ऐसे में विकास करने,विरासत को संवारने के लिए समुचित प्रयास की जरूरत है।

बोले टूरिज्म उद्योग से जुड़े लोग

पैकेज महंगा होने से टूरिस्ट दूसरे देशों का रुख करने लगे हैं। सरकार को टैक्स कम कर हालात को संभालना चाहिए। - राहुल मेहता

महंगाई बढ़ने से मुश्किल हो रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने से ही पर्यटन उद्योग पूरी रफ्तार से दौड़ सकेगा। - गोकुल शर्मा

टूरिस्ट मेहमान हैं। आदर देना चाहिए। अनधिकृत गाइड इन्हें कमाई का साधन समझते हैं। प्रशासन इस पर ध्यान दे। - सुनील शर्मा

टूरिस्ट का ज्यादा समय गाइड संग बीतता है। रूरल के बजाय न्यू इंडिया दिखाना चाहिए। गलियां गंदगी से मुक्त की जाएं। - अनूप सेठ

कारपोरेट कंपनियों के अधिकारी कास्ट कटिंग को नाइट स्टे नहीं कर रहे। विदेशी सैलानियों के लिए ट्रैफिक फिट नहीं है। - राजीव कुमार राय

सैलानियों को जयपुर, दिल्ली, आगरा घुमाया जा रहा। इंफ्रास्टक्चर होगा तो सैलानी आएंगे। सरकार इस पर ध्यान दे। - शैलेश त्रिपाठी

वर्ष 2011 से पैकेज टूरिस्ट की संख्या में गिरावट है। पर्यटक स्वतंत्र आना पसंद कर रहे। प्रशासन टूरिज्म कल्चर विकसित करे। - प्रेम नारायण सिंह

मंत्री उसी को बनाएं, जिसे पर्यटन की जानकारी हो। सरकारी नीति ठीक रहे तो टूरिज्म हजारों रोजगार दे सकता है। - अवनीश पाठक

होटलों की संख्या बढ़े। अक्टूबर से मार्च तक पर्यटकों के आने का समय होता है, उस समय होटलों में कमरा नहीं मिलता। - जितेन्द्र सिंह

बनारस-खजुराहो के बीच ट्रैफिक सेवा दुरुस्त नहीं है। ऐसा माहौल हो कि महिला भी अकेले टूर पर निकल सकें। - अनिल त्रिपाठी

सितंबर माह टूरिज्म के लिए अच्छा नहीं होगा। आगरा-बनारस के बीच रेल सेवा अच्छी हो। वंदेभारत आगरा के पास रुके। - संतोष कुमार सिंह

सरकारी तंत्र को टूरिस्ट संग हो रहे व्यवहार पर नजर रखनी चाहिए। सख्ती का संदेश हो तो गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी। - प्रदीप खन्ना

ऑनलाइन होटल बुकिंग के इतर लोग सैलानियों को घुमाकर वापस कर दे रहे। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई हो। - महेश झुनझुनवाला

आगरा-दिल्ली के बीच यमुना एक्सप्रेसवे बनने से टूरिज्म को संजीवनी मिली। ऐसा कदम बनारस-लखनऊ-आगरा में उठे। - राहुल सेठ

काशी में टूरिज्म की दुश्वारियां

1- वाराणसी से आगरा व खजुराहो की ट्रैफिक कनेक्टिविटी का दुरुस्त न होना।

2- वाराणसी का टूर पैकेज दूसरे शहरों की तुलना में महंगा होना।

3- अक्टूबर से मार्च के बीच होटल में पर्यटकों को कमरे न मिलना।

टूरिज्म की जरूरतें

1. पर्यटकों की सुरक्षा को पर्यटक थाना।

2.बनारस-आगरा-लखनऊ ट्राएंगल बने।

3.खजुराहो से ट्रेन-रोड कनेक्टिविटी हो।

4.राज्यस्तरीय पर्यटन विकास समिति हो।

5. मंत्री, अधिकारी व पर्यटन के लोग हों।

पर्यटकों के लिए व्यवस्थाएं

1-भारत सरकार व राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त लगभग 250 गाइड्स हैं।

2-300 होटल हैं। छोटे बजट से पाच सितारा होटल हैं, जहां पर्यटक ठहरते हैं।

3- पर्यटकों को ट्रैवल एजेंसियां हैं, जहां से बुकिंग करनी चाहिए।

4- पर्यटकों को मान्यता प्राप्त गाइड्स की सुविधा लेनी चाहिए।

यहां है टूरिज्म आफिस

1- कैंटोमेंट में इंडिया टूरिज्म का कार्यालय है।

2- सांस्कृतिक संकुल में उत्तर प्रदेश टूरिज्म का ऑफिस।


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