थाईलैंड व श्रीलंका से आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ी, प्रतिदिन दो सौ पर्यटकों का आगमन
थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस और श्रीलंका के नागरिकों की संख्या अच्छी खासी है, बैंकाक और कोलंबो की सीधी उड़ान से भी इस पर फर्क पड़ा है, क्योंकि कम खर्च पर यात्रा हो रही है।
वाराणसी, जेएनएन। महात्मा बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन लगभग पांच सौ वर्ष ईसा पूर्व सारनाथ में दिया था। उस स्थान को देखने और समझने के लिए बौद्ध धर्म के मानने वाले राष्ट्रों से काफी लोग बनारस की यात्रा कर रहे हैं। इनमें थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस और श्रीलंका के नागरिकों की संख्या अच्छी खासी है। दूसरी ओर बनारस से बैंकाक और कोलंबो की सीधी उड़ान से भी इस पर फर्क पड़ा है, क्योंकि कम खर्च पर यात्रा हो रही है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के आंकड़े बताते है कि वर्ष 2018 के अंत तक श्रीलंका से 21437 यात्री आए थे। जबकि वर्ष 2016 में यह संख्या 20445 थी। वहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन व्यवसाय में दो दशक से कार्य कर रहे सुधांशु सक्सेना व अभिषेक सिंह ने मंगलवार को बताया कि दिसंबर 2018 में बैंकाक और वाराणसी के मध्य लगभग छह हजार यात्रियों ने यात्रा की। इनमें बैंकाक से वाराणसी आने वाले और वाराणसी से बैंकाक जाने वाले यात्रियों की संख्या शामिल हैं। जबकि पहले यही संख्या कुछ सौ में थी क्योंकि पहले केवल थाई एयरवेज की सेवा उपलब्ध थी जिसका किराया अधिक होता है। वहीं भारत की बजट एयरलाइंस इंडिगो में मात्र 13 से 14 हजार के बीच किराया है।
अमेरिका, यूरोप सहित अन्य देशों से वर्ष 2015 में आने वालों की संख्या 312519 थी जबकि 2016 में आने वाले यात्रियों की संख्या 334748 पहुंच गई। वर्ष 2018 के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं लेकिन जानकारों का कहना है कि इस बार संख्या और बढ़ेगी।