Top Varanasi News Of The Day, 6 january 2020 : सिंहद्वार पर भारी सुरक्षा बल तैनात, चार डिग्री गिरा न्यूनतम पारा, हर साल 17 लाख कैंसर के शिकार
बनारस शहर की कई खबरों ने सोमवार को सुर्खियां बटोरीं जानिए शाम चार बजे तक की शहर-ए-बनारस की तीन प्रमुख और चर्चित खबरें।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस शहर की कई खबरों ने सोमवार को सुर्खियां बटोरीं। जिनमें सिंहद्वार पर भारी सुरक्षा बल तैनात, चार डिग्री गिरा न्यूनतम पारा, हर साल 17 लाख कैंसर के शिकार आदि खबरें रहीं। जानिए शाम पांच बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें।
जेएनयू विवाद की आंच से बीएचयू को बचाने के लिए परिसर और सिंहद्वार पर भारी सुरक्षा बल तैनात
देर रात जेएनयू में हुए विवाद की आंच वाराणसी में बीएचयू तक पहुंचने की आशंका में सुबह से ही परिसर और सिंह द्वार पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। दरअसल दिल्ली में जेएनयू परिसर में छात्रों के दो गुटाें के बीच हुई झड़प और हिंसा के बाद देश भर के विश्वविद्यालयों में उबाल है। छात्र संगठनों की ओर से भी जेएनयू हिंसा की निंदा व विरोध प्रदर्शन की आशंका के बीच प्रशासन के लिए कानून व्यवस्था बनाए रखना भी सबसे बड़ी चुनौती है। दूसरी ओर शहर के विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से भी जेएनयू विवाद को लेकर मंथन का दौर चल रहा है।
पूर्वांचल में कोल्ड फ्रंट से चार डिग्री गिरा न्यूनतम पारा, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्ताह में मौसम का हाल
पूर्वांचल में लगातार बदल रहे मौसम के बीच सोमवार की सुबह ठंड और तेल हवाओं के बीच दिन चढ़ने के साथ धूप खिली और लोगों को गलन से राहत भी मिली। इससे पूर्व पांच दिन पहले से लगातार तापमान के बढ़ाव में रविवार को ब्रेक लग गई। काशी में जम्मू-कश्मीर से कोल्ड फ्रंट आने से एक दिन में न्यूनतम पारा चार डिग्री सेल्सियस गिर गया। इसके कारण गलन भरी ठंड और भी बढ़ गई। हालांकि अधिकतम तापमान दो दिनों से 17 डिग्री पर रुका हुआ है। तापमान के घटाव-बढ़ाव के बीच ठंड से कोई भी राहत नहीं है। कोल्ड फ्रंट के पास होने के बाद वार्म फ्रंट भी आ रहा है। ऐसे में आगामी आठ- नौ जनवरी को बूंदाबांदी के आसार बढ़ गए हैं। कई दिनों से आसमान में बादल छा रहे हैं। शनिवार को सूर्य के दर्शन ही नहीं हुए। रविवार को सुबह से ही बादल व कोहरे की चादर रही। हालांकि शाम को धूप के दर्शन हुए, लेकिन ठंड से राहत नहीं थी।
भारत में हर साल 17 लाख लोग कैंसर के शिकार, 2050 तक यह आंकड़ा एक करोड़ के पार
Nanotechnology Effective On Cancer कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथीरेपी में लगातार दवा दी जाती है। कुछ समय बाद देखने को मिलता है कि मरीज के भीतर मौजूद कैंसर में ड्रग रजिस्टेंस विकसित हो जाता है। इसके बाद चिकित्सक मरीज को उससे हाई डोज दवा देने के लिए बाध्य हो जाते हैं। कुछ समय बाद वह दवा भी कैंसर के खिलाफ असरहीन हो जाती है। वजह यह कि कोशिकाओं में मल्टी ड्रग रजिस्टेंस की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आइआइटी बीएचयू, वाराणसी के बायोमेडिकल विभाग द्वारा नैनो टेक्नोलॉजी के जरिए खास दवा तैयार की गई है जो मल्टी ड्रग रजिस्टेंस के बावजूद मरीजों को बचाने में कामयाब होगी। हैदराबाद में नैनो मेटलसोराफेनिब कांजुगेट्स दवा पर परीक्षण चल रहा है।