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Top Varanasi News Of The Day, 21 June 2020 वाराणसी में गंगा स्नान पर प्रतिबंध, काशी के लोगों ने किया योग, अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी

बनारस शहर की कई खबरों ने रविवार यानी 21 जून को सुर्खियां बटोरीं जानिए 7 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबर।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 06:56 PM (IST)
Top Varanasi News Of The Day, 21 June 2020 वाराणसी में गंगा स्नान पर प्रतिबंध, काशी के लोगों ने किया योग, अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी
Top Varanasi News Of The Day, 21 June 2020 वाराणसी में गंगा स्नान पर प्रतिबंध, काशी के लोगों ने किया योग, अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी

वाराणसी, जेएनएन। बनारस शहर की कई खबरों ने रविवार यानी 21 जून को सुर्खियां बटोरीं जिनमें वाराणसी में गंगा स्नान पर प्रतिबंध, काशी के लोगों ने किया योग, अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी, नौनिहालों ने भी जीत ली कोरोना वायरस से जंग, बिटिया को बनाया इंजीनियर जैसी आदि प्रमुख खबरें रहीं। जानिए शाम 7 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबर।

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Surya Grahan 2020 : कोरोना संकट के चलते वाराणसी में गंगा स्नान पर प्रतिबंध, घर में स्नान-विधान

Surya Grahan 2020 साल का पहला सूर्य ग्रहण (आषाढ़ अमावस्या) का स्पर्श सुबह 10.30 बजे हुआ। वहीं मध्य काल दोपहर 12.18 बजे था। इसके अलावा मोक्ष 2.04 बजे हुआ। सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व अर्थात 20 जून की रात 10.30 बजे से सूतक काल शुरू हो गया था। कोरोना संकट के चलते गंगा में स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ऐसे में घर में ही सूर्यदेव व गंगा का स्मरण कर स्नान विधान किए गए। इस दौरान प्रमुख मंदिर के कपाट बंद भी बंद कर दिए गए थे।

International Yoga Day : शारीरिक दूरी का पालन करते हुए काशी के लोगों ने किया योग

International Yoga Day कोरोना संक्रमण के कारण इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सरकार की ओर से कोई सामूहिक आयोजन नहीं किया गया। हालांकि डिजिटल तरीके से लोगों को जोडऩे की कोशिश की गई हैं। वाराणसी में कई जगहों पर रविवार को ऑनलाइन योग का आयोजन किया गया। इस बार आयोजन की थीम 'घर पर करें योग और परिवार के साथ करें योग' रखी गई है। सुबह सात बजे से लोग डिजिटल तरीके से जुड़ गए। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने रविवार को छठें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बनारस क्लब में आयोजित योग साधना का प्रतिनिधित्व किया। प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी ने वाराणसी स्थित अपने आवास परिसर में योग किया।

Well Done बनारस के डॉक्‍टर, नौनिहालों ने भी जीत ली कोरोना वायरस से जंग

बीएचयू अस्पताल में भर्ती पांच बच्चे नौ से दस दिन के भीतर ही कोरोना को मात देने में सफल रहे। सभी को अस्पताल से छुट्टी भी दी जा चुकी है। इसमें बनारस के डॉक्‍टरों का बड़ा सहयोग रहा है। लेवल-3 के अस्पताल बीएचयू में कोरोना के साथ ही अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अत्याधुनिक चिकिसीय सुविधायुक्त बीएचयू अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चे भी भर्ती किए जा रहे हैं। तीन से पांच साल के पांच कोरोना पॉजिटिव बच्चे हाल ही में भर्ती किए गए थे। बालरोग विभाग की निगरानी में उनका इलाज किया गया। बुखार के साथ उन्हें सांस लेने में हल्की परेशानी थी।

अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी, वाराणसी जंक्शन से चलने वाली चार जोड़ी ट्रेनों के परिचालन में होगा बदलाव

पैसेंजर ट्रेनों को नए सिरे से पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। प्रारंभिक चरण में इन ट्रेनों के स्टॉपेज कम करने को लेकर मंथन चल रहा है। सभी क्षेत्रीय रेलवे के अधिकार क्षेत्र में संचालित पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव स्टेशन व यात्रियों की संख्या को लेकर समीक्षा की जा रही है। इस बाबत देशभर 472 पैसेंजर ट्रेनों पर  रेलवे को निर्णय लेना है। विभाग के अनुसार वाराणसी जंक्शन से बनकर चलने वाली चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में भी बदलाव करना है। इसमें गाड़ी संख्या 54333-34 व 54255-56 (वाराणसी-लखनऊ पैसेंजर) और 55119-20 व 55149-50 (वाराणसी सिटी-गोरखपुर पैसेंजर) शामिल है। 

जेब में 1500 व मुट्ठी भर अनाज संग काशी आया था यह पिता, बिटिया को बनाया इंजीनियर

पिता के लिए बेटों से कम नहीं होती हैं बेटियां। बेटियों के सपने पिता की आंखों में पलते हैं। इसे सच कर दिखाया सुसुवाही निवासी सत्येंद्र राय नंद जी ने। मूलरूप से गाजीपुर जिले के सुहवल निवासी सत्येंद्र राय नंद जी बेटियों को पढ़ाने बनारस आए तो उनके पास 1500 रुपये व थोड़ा अनाज था। सिर पर न छत थी, न तो नौकरी। बस आंखों में सपना था बेटियों को कामयाब बनाने का। इस सपने में रंग भरने के लिए लंका क्षेत्र के सुसुवाही में छोटा सा सेनेटरी स्टोर खोल उसमें खुद को खपा दिया और बेटियां सीएचएस में पढऩे लगीं। सत्येंद्र की पत्नी संघर्ष में उनकी हमकदम बनी रहीं। बड़ी बेटी आर्या ने इंटर के बाद दूसरे प्रयास में प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रवेश पाया। इसके बाद अमेरिका की एचजी हेल्थ कंपनी की बेंगलुरू स्थित शाखा में जॉब शुरू कर दिया। दो साल बाद उसका अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में स्कॉलरशिप से चयन हुआ। स छोटी बेटी यशी कानपुर से इंजीनियरिंग कर रही है। 


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