Top 5 Varanasi News Of The Day 18 August 2020 : बिस्मिल्लाह खां की धरोहर पर चल रहा हथौड़ा, 28 तक आवेदन करने का मौका, जेडीयू ने उठाई आपत्ति
बनारस शहर की कई खबरों ने मंगलवार यानी 18 अगस्त को सुर्खियां बटोरीं जानिए शाम 7.30 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबर।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस शहर की कई खबरों ने मंगलवार यानी 18 अगस्त को सुर्खियां बटोरीं जिनमें बिस्मिल्लाह खां की धरोहर पर चल रहा हथौड़ा, 28 तक आवेदन करने का मौका, जेडीयू ने उठाई आपत्ति,
ब्लड बैंक का शहरवासियों से आग्रह, साफ्ट स्टोन पर पहली बार गोवर्धन पर्वत देखेगी दुनिया आदि प्रमुख खबरें रहीं। जानिए शाम 7.30 बजे तक की शहर-ए-बनारस की पांच प्रमुख और चर्चित खबरें।
भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की धरोहर पर चल रहा हथौड़ा, वाराणसी प्रशासन बेखबर
सराय हड़हा इलाके के जिस घर में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां फज्र की नमाज के बाद रियाज करते थे, जिसमें उनकी यादें वक्त ने धड़कन की तरह संजोई, अब उसी दरो-दीवार पर हथौड़े चल रहे हैं। दो दिन बाद उस्ताद की 14वीं बरसी है। इन14 सालों में न तो सरकारों ने अपने वादे निभाए और न ही परिवार की माली ही बेहतर हो सकी। मकान जर्जर हो चुका था।
विलंब शुल्क के साथ 28 तक आवेदन करने का मौका, काशी विद्यापीठ ने दस दिनोंं के लिए खोली वेबसाइट
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए अब तक करीब 32 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 200 रुपये विलंब शुल्क के साथ आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। पहले 200 रुपये विलंब शुल्क के साथ आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई को ही बीत गई थी। अंतिम तिथि बीतने के 18 दिन बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दस दिनोंं के लिए एक बार फिर वेबसाइट खोल दी है।
मंडुआडीह स्टेशन का नाम बनारस करने पर जेडीयू ने उठाई आपत्ति, बताया प्राचीन संस्कृति संग छेड़छाड़
मंडुआडीह स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रखे जाने पर केंद्र सरकार के निर्णय को युवा जदयू ने अनुचित निर्णय बताया वाराणसी युवा जनता दल यूनाइटेड उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता विकास चंद्र तिवारी ने गृह मंत्रालय द्वारा आदेशित मंडुवाडीह स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस स्टेशन रखे जाने पर अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि मांडव ऋषि के नाम पर स्थापित यह इलाका काफी बरसों से मंडुआडीह के नाम से जाना जाता है कुछ लोग जो इतिहास को ठीक से अध्ययन नहीं किए हैं।
करिए रक्तदान, ताकि बचाई जा सके मरीजों की जान, बीएचयू व आइएमए ब्लड बैंक का शहरवासियों से आग्रह
भले ही पूरा देश अब अनलॉक-थ्री में आ गया है, मगर अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। कोरोना संक्रमण की वजह से जहां लोग अस्पताल जाने से परहेज कर रहे हैं, वहीं स्वैच्छिक रक्तदान से भी कतरा रहे हैं। इसका असर अब ब्लड बैंकों पर भी पडऩे लगा है। शहर के ज्यादातर ब्लड बैंक ब्लड के रक्त कोष लगभग खाली हो चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह नियमित डोनर्स का न मिलना है। इसके चलते जरूरतमंदों को खून बड़ी मुश्किल से मिल रहा है।
साफ्ट स्टोन पर पहली बार गोवर्धन पर्वत देखेगी दुनिया, वाराणसी में परंपरागत तरीके से बनी हैं दो कृतियां
लॉकडाउन में जहां एक ओर लोगों का बहुत नुकसान हुआ, वहीं कई ऐसी चीजों का सृजन भी हुआ जो अपने आप में अद्भूत रहीं। काशी जो अपनी शिल्पकला के लिए विश्वभर में जाना जाता है वहां के शिल्पियों ने लॉकडाउन में पत्थर को तराशकर एक अनोखी कृति तैयार की है। वहीं कुछ शिल्पियों ने अपनी पुरानी परंपरा को जोड़ते हुए घंटे को नए अवतार में उतारा है। इसमें एक काशीपुरा व दूसरे रामनगर के शिल्पी हैं जिनकी कई पीढिय़ां इस कला की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। रामनगर के साहित्यनाका निवासी स्टेट अवार्डी और जीआई ऑथराइज्ड यूजर बनारस साफ्ट स्टोन जाली वर्क के शिल्पकार बच्चा लाल मौर्या का हाथ जाली वर्क में सधा हुआ है इनकी बनाई मूर्तियां देश और विदेश दोनों जगह पसंद की जाती हैं।